अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा धर्मसभा आयोजित की गई, जहां विहिप ने कहा कि उन्हें राम जन्मभूमि पर बंटवारा मंजूर नहीं है और वे एक इंच भूमि भी नहीं देंगे. वहीं, इस धर्मसभा में शामिल हुए तुलसी पीठाधीश्वर चित्रकूट रामभद्राचार्य ने दावा किया कि मोदी सरकार में दूसरे नंबर के मंत्री ने कहा कि 11 दिसंबर के बाद मंदिर निर्माण पर सरकार बड़ा फैसला लेगी.

स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि 23 नवंबर को मोदी कैबिनेट के बड़े मंत्री से फोन पर बातचीत हुई थी और उन्होंने आश्वस्त किया था कि 11 दिसंबर को आदर्श आचार संहिता खत्म होने के बाद पीएम मोदी साधु-संतों की एक अहम बैठक बुलाएंगे जिसमें सरकार राम मंदिर बनाने को लेकर बड़ा फैसला करेगी. धर्मगुरु के मुताबिक, मोदी सरकार में दूसरे बड़े मंत्री ने बताया कि उन लोगों के साथ कोई धोखा नहीं होगा. धैर्य रखें, संसद के शीतकालीन सत्र में अध्यादेश लाया जा सकता है.

संघ भी हर प्रकार से समर्थन देने को तैयार

रामभद्राचार्य ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी उनकी बात हुई है और उन्होंने आश्वसन दिया है कि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने को लेकर वे सरकार पर दबाव बनाएंगे. रामभद्राचार्य ने कहा कि वे चाहते हैं कि सभी सांसद एकजुट हो जाएं जिससे अध्यादेश दो तिहाई बहुमत से पास किया जा सके.

धर्मगुरु के मुताबिक, मंत्री ने बताया कि उसी बैठक में फैसला लिया जाएगा, जिससे आगे चलकर राम मंदिर के जल्द निर्माण के लिए रास्ता खुलेगा. बता दें कि धर्मसभा में विहिप उपाध्यक्ष ने भी कहा कि अब राम मंदिर मुद्दे पर कोई और सभा नहीं होगी, सीधे निर्माण प्रारंभ होगा. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय ने सरकार को राम मंदिर निर्माण का वादा याद दिलाया और कहा कि जब संवैधानिक संस्थाएं टालमटोल रवैया अपनाएं तो विधायिका को आगे आना चाहिए.