यू तो आपने कई मिठाई खाई होगी. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी मिठाई के बारे में बताने जा रहे है, जो आपने इससे पहले नहीं खाई होगी और न इसका नाम सुना होगा. इस मिठाई का नाम है घारी (Ghari). खबर के अंत में देंखे कैसे बनाई जाती है ये मिठाई.
यूं तो गुजरात के सूरत में लोग घारी घर-घर में बनाते हैं परंतु कुछ नाम शहर में घारी के पर्यायवाची बन चुके हैं. ये वो नाम हैं जो स्वाद और सेहत दोनों का संयोजन घारी प्रेमियों को परोसते हैं. इन्हीं में से एक प्रतिष्ठित होने के साथ साथ ऐतिहासिक नाम है शाह जमनादास घारीवाला का. इनके प्रतिष्ठान के आगे लगी घारी खरीदने वालें की लंबी लाइन इनके यहां के स्वाद की कहानी स्वयंमेव कह देती है. इनके नाम की प्रतिष्ठा सिर्फ इनके स्वाद और कारीगरी से ही नहीं, भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से भी जुड़ी हुई है.
दुकान के मालिक मनोज हंसमुखलाल शाह घारीवाला के मुताबिक इस दुकान की शुरूआत उनके दादाजी स्व. श्री जमनादास चुन्नीलाल शाह घारीवाला ने स्वतंत्रता से लगभग पचास वर्ष पहले ९ जुलाई १९८८ में पकवान बेचने से की थी.
मिठाई के स्वाद से कभी नहीं करते समझौता
मनोज के मुताबिक जमनादास जी की सभी नीतियों का वे आज भी पालन करते हैं. उनके दादाजी कहते थे कुछ भी हो जाए Ghari के स्वाद से कभी समझौता नहीं करना.
मिलती है कई प्रकार की घारी
यहां बादाम Ghari , बादाम पिस्ता Ghari, चॉकलेट Ghari, इलायची Ghari खूब पसंद की जाती है.
देंखे वीडियो कैसे बनाई जाती है घारी
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