Swiggy Fraud Case : भारत की लोकप्रिय ऑनलाइन फ़ूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने अपनी हालिया वार्षिक रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के एक पूर्व जूनियर कर्मचारी ने 33 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है. इस गबन की जानकारी वित्तीय वर्ष 2024 की रिपोर्ट से मिली है.

स्विगी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के लिए एक बाहरी टीम नियुक्त की है और पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की है. कंपनी फिलहाल अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) की तैयारी भी कर रही है.

इस घोटाले के बावजूद, स्विगी ने अपने IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं. इस लेख में, हम स्विगी के इस घोटाले, जांच की स्थिति और IPO की तैयारी के बारे में विस्तार से जानेंगे.

कैसे हुआ घोटाले का खुलासा (Swiggy Fraud Case)

स्विगी ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि एक पूर्व कर्मचारी ने पिछले सालों में कंपनी की एक सहायक कंपनी से करीब 32.67 करोड़ रुपये चुराए. रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने इस राशि को 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए व्यय के रूप में दर्ज किया है. स्विगी ने मामले की जांच के लिए एक बाहरी टीम नियुक्त की है और पूर्व कर्मचारी के खिलाफ कानूनी शिकायत भी दर्ज की है.

जांच और कानूनी कार्रवाई

स्विगी ने इस घोटाले की जांच के लिए एक बाहरी टीम की मदद ली है. कानूनी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है, ताकि पूर्व कर्मचारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सके. कंपनी की योजना सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों.

आईपीओ की तैयारी

स्विगी फिलहाल अपने इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) की तैयारी कर रही है. कंपनी ने 26 अप्रैल को आईपीओ के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे. स्विगी का लक्ष्य इस आईपीओ के जरिए करीब 10,414 करोड़ रुपये जुटाना है. इसमें से 3,750 करोड़ रुपये नए शेयर जारी करके और 6,664 करोड़ रुपये ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) के जरिए जुटाए जाएंगे.

स्विगी की सालाना रिपोर्ट में हुए इस खुलासे ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. हालांकि कंपनी ने मामले की त्वरित और प्रभावी जांच कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इसका असर स्विगी की वित्तीय स्थिति पर पड़ सकता है, लेकिन कंपनी अपने आईपीओ की तैयारियों में जुटी है और भविष्य में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की कोशिश कर रही है.