रायपुर। स्विट्जरलैंड में पीआईयूएच कैटेगरी के 80 किलोग्राम कैटेगरी में 3 से 5 नवंबर तक आयोजित होने वाली स्विस पेरा आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप के लिए छत्तीसगढ़ के भिलाई के पैरा एथलीट श्रीमंत झा का चयन हुआ है. पैरालंपिक श्रीमंत अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भाग लेकर छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश का मान बढ़ाएंगे. झा स्कूल स्तर पर फुटबॉल खेलना चाहते थे, लेकिन उनके दाहिने हाथ के काम न करने के कारण उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था. फिर उन्होंने पास के एक जिम में दाखिला लिया और पैरा-कुश्ती सीखी और अभ्यास करना शुरू किया.

गौरतलब है कि श्रीमंत झा इससे पहले भी कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं. पैरालंपिक खिलाड़ी श्रीमंत झा वर्तमान में एशिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं और विश्व के नंबर तीन खिलाड़ी है. विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में श्रीमंत झा देश के लिए 42 अंतरराष्ट्रीय पदक जीते हैं. श्रीमंत ने कहा है कि कम उम्र में उन्हें जिस अस्वीकृति का सामना करना पड़ा, उसने उन्हें एथलीट बनने के लिए प्रेरित किया.

छत्तीसगढ़ के रहने वाले 29 वर्षीय युवक को पहली बार रिजेक्शन का सामना तब करना पड़ा जब वह दसवीं कक्षा में था. श्रीमंत ने बताया कि जब मैं 10वीं क्लास में था तब मैं इंटर-स्कूल फुटबॉल नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लेना चाहता था. 200 खिलाड़ी थे और मैंने शीर्ष-22 में जगह बनाई, लेकिन बाद में मेरी विकलांगता के कारण खारिज कर दिया गया. झा ने इसे अपने जीवन का टर्निंग प्वाइंट बताया. उन्होंने कहा, उस वक्त मैंने सोचा था कि मैं अपने देश के लिए मेडल जीतूंगा. मैंने कड़ी मेहनत की और अब नतीजे सबके सामने हैं. मुझे कॉलेज कैंपस के दौरान कई निजी संगठनों की ओर से अस्वीकार कर दिया गया था क्योंकि मैं एक विकलांग व्यक्ति हूं और सैकड़ों प्रयासों के बाद एमएनसी जिंदल स्टील एंड पावर कंपनी में इंजीनियर के पद पर कार्यरत हूं.

वहीं इस उपलब्धि पर पीपुल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन इंडिया की अध्यक्ष प्रीति झंगियानी, महासचिव लक्ष्मण सिंह भंडारी और चेयरमैन सुरेश बेब ने श्रीमंत झा को बधाई देते हुए और अच्छे प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं दी.