पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के गांधी मैदान में चैतन्य (सजीव) देवियों की अनूठी झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. प्रजापिता ब्रह्मकुमारी सेंटर गरियाबंद विगत 22 वर्षों से विभिन्न सामाजिक सेवाओं के माध्यम से अपना योगदान दे रहे हैं. इस वर्ष संस्था के द्वारा 17 से 21 तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इसमें माता के 9 सजीव स्वरूपों को दिखाया जा रहा है. नवरात्र के अवसर पर माता की मूर्तियां तो विराजती हैं, मगर चैतन्य देवियों की झांकी कम ही देखने मिलती है. बिन्दु बहन ने बताया कि झांकी में दुर्गा देवी, काली देवी, लक्ष्मी देवी, सरस्वती देवी, गायत्री देवी, गंगा, वैष्णव देवी, उमा देवी और ब्रह्माचारिणी देवी का साक्षात दर्शन होगा.

चंपारण निवासी ब्रम्हकुमार भानू भाई ने बताया कि, वे पिछले 20 वर्षों से चैतन्य झांकी के माध्यम से अत्यात्मिक संदेश आमजनों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. नवरात्र के अवसर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के अलग-अलग शहरों में इसका आयोजन करते हैं.

संस्था की संचालिका ब्रम्हकुमारी बिंदु बहन ने बताया कि, चैतन्य झांकी देखने में जितनी अद्भुत लगती है. उसके लिए उतनी ही कठिन योग साधना करनी पड़ती है. चैतन्य देवी बनी बहनें रोज राजयोग और मेडिटेशन करती हैं, इससे मन और चित्त एकाग्र होता है और इसके उपरांत सारे इंद्रियों को वश में कर दुर्गुणों का नाश किया जा सकता है.

तरुण यादव ने कहा कि, गांधी मैदान में हो रहे दुर्गा उत्सव के माध्यम से चैतन्य देवी की झांकी दिखाने का उद्देश्य मुख्यालय सहित आसपास के क्षेत्र में आध्यात्मिक और सकारात्मक वातावरण बनाना है. वर्तमान परिदृश्य में जिस तरह की हमारी जीवन शैली हो चली है उसे योग और मेडिटेशन के माध्यम से बेहतर किया जा सकता हैं.

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