कला का अनोखा संगम: चंद्रकांत देवताले की कविताओं का ‘पानी का दरख़्त’ उत्सव बना सांस्कृतिक इतिहास का हिस्सा, साहित्यकार, संगीत प्रेमी और कलाकार हुए शामिल