श्याम अग्रवाल, खरोरा। कहावत है जहां चाह, वहां राह. यह बात खरोरा की बेटी रेणुका पर सटिक साबित होती है, जिसने आर्थिक तंगी की वजह से यूपीएससी परीक्षा देने के लिए अच्छे कोचिंग संस्थान में पढ़ाई नहीं कर पाने की समस्या कलेक्टर को अवगत कराया. कलेक्टर ने आवेदन को तहसील कार्यालय भेजा. पत्र जब तहसीलदार के पास पहुंचा तो उन्होंने होनहार बालिका की बेहतर कोचिंग का बीड़ा उठाते हुए निजी संस्थान से बात कर छात्रा की पढ़ाई की व्यवस्था कराई.

बंगोली की रहने वाली रेणुका दीवान पत्रकारिता में ग्रेजुएशन करने के बाद वर्तमान में कुशाभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रानिक मीडिया में MSC अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है. रेणुका संघ लोक सेवा आयोग की तैयारी करना चाहती है, परन्तु आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह किसी भी कोचिंग सेंटर मे पढ़ाई नहीं कर पा रही थी. वहीं उन्होंने मदद के लिए कलेक्टर रायपुर को मदद के लिए आवेदन लिखा था.

कलेक्टर ने पत्र को खरोरा तहसील कार्यालय भेजा था. तहसीलदार ने पत्र प्राप्त होने के बाद जब रेणुका को बुलाया तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि क्षेत्र में एक ऐसी होनहार छात्रा है, जो आर्थिक तंगी के कारण अच्छी कोचिंग से वंचित हो रही है. उन्होंने तुरंत एक निजी कोचिंग सेंटर से बात कर लड़की की पढ़ाई की व्यवस्था की.

रेणुका के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने वाले तहसीलदार कृष्णा कुमार साहू कहते हैं कि एक बेटी को पढ़ाने से पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है, और बेटियां पढ़ेंगी तभी तो देश आगे बढ़ेगा इसीलिए एक छोटी सी कोशिश मैंने अपने ओर से की. वहीं रेणुका बताती है कि वह कुशभाऊ ठाकरे यूनिवर्सिटी में पढ़ती है, जहां फीस न अदा कर पाने के कारण उसे नोटिस जारी हुआ है.

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रेणुका ने बताया कि वह संघ लोक सेवा आयोग के लिए अच्छी तैयारी करना चाहती है, इसके लिए अच्छे कोचिंग संस्थान में पढ़ना चाहती है, लेकिन फीस देने के लिए पैसे नहीं होने की वजह से उसने कलेक्टर को आवेदन दिया था. इस पर तहसीलदार ने उसे बुलाकर बात की और एक निजी कोचिंग सेंटर में पढ़ाई की व्यवस्था की है, जहां उसे फीस नहीं देना पड़ेगा. रेणुका पढ़ाई के साथ- साथ आकाशवाणी में लाइव प्रोग्राम करती है, जो महीने में एक दिन होता है.