भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और प्रधानमंत्री मोदी के बीच गुरुवार को खालिस्तान के मु्द्दे पर भी बात हुई। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष के सामने सीधे तौर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि ब्रिटेन को खालिस्तानियों पर ऐक्शन लेना चाहिए, एक सफल लोकतंत्र में कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं होती। विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर की बातचीत के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री ने अपने ब्रिटिश समकक्ष से कहा कि कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद को समाज द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

विदेश सचिव ने कहा, “आज प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री स्टार्मर के बीच हुई बैठक में खालिस्तान के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने अपनी बात को साफ करते हुए ब्रिटेन को खालिस्तानियों पर ऐक्शन लेने की मांग की और कहा कि कट्टरपंथियों को समाज द्वारा दी जा रही स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करने दिया जाना चाहिए। इसके अलावा पीएम ने कहा कि दोनों देशों के मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत इन उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”

आपको बता दें पीएम मोदी और पीएम स्टार्मर के बीच खालिस्तान के मुद्दे को लेकर चर्चा इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि अभी कुछ महीनों पहले ही खालिस्तानियों ने लंदन के भारतीय उच्चायोग के ऊपर हमला बोल दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने उच्चायोग परिसर के अंदर घुस कर तिरंगे का भी अपमान किया था। इसके बाद दोनों देशों के बीच में संबंध थोड़े से तल्ख हो गए थे। भारत ने इस घटना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया और कथित तौर पर अपना गुस्सा दिखाने के लिए नई दिल्ली स्थिति ब्रिटिश उच्चायोग की सुरक्षा भी हटा ली थी।

इसके अलावा अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन समेत तमाम पश्चिमी देश फ्रीडम ऑफ स्पीच की आजादी के नाम पर खालिस्तानियों को अपने यहां शरण दिए हैं और तमाम तरह की हरकतें करने की आजादी भी देते हैं। कनाडा और ब्रिटेन में तो इन्होंने हद ही की हुई है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि समाज को मिली हुई आजादी का दुरुपयोग यह उग्रवादी न करने लगें।

भारत का आधार कार्ड सिस्टम सीखना चाहते हैं स्टार्मर

वहीं, स्टार्मर अपने देश में भी भारत के ‘आधार कार्ड’ जैसा सिस्टम शुरू करना चाहते हैं। इसे लेकर उन्होंने कल मुंबई पहुंचकर सबसे पहले इन्फोसिस कंपनी के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि से मुलाकात की। आधार प्रोग्राम शुरू करने में नंदन नीलेकणि की सबसे अहम भूमिका रही है। स्टार्मर ने कहा कि भारत का आधार प्रोग्राम बहुत सफल है और वे इससे सीखना चाहते हैं।

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