आशा ज्योति केंद्र में महिला आयोग उपाध्यक्ष सुषमा सिंह अचानक निरीक्षण करने आ गईं. उपाध्यक्ष जैसे ही केंद्र पहुंचीं, तो सेंटर मैनेजर की कुर्सी खाली थी. आयोग उपाध्यक्ष ने वहां के कर्मचारियों से बात की तो बड़ा खुलासा हुआ. मेरठ के मेडिकल कालेज स्थित आशा ज्योति केंद्र व्हाट्सएप पर चल रहा है. केंद्र प्रबंधक घर से बैठकर ही आफिस चला रही हैं और वहां रह रही लड़कियों की स्थिति भी अच्छी नहीं है.

राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने डीएम को आशा ज्योति केंद्र की प्रबंधक आरती त्यागी को निलंबित करने का निर्देश दिया है. शनिवार दोपहर बाद राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने मेडिकल कालेज स्थित आशा ज्योति केंद्र पर छापा मारा. पहले तो बिना अफसरों के पहुंची आयोग की उपाध्यक्ष के लिए केन्द्र का गेट नहीं खोला गया. गनर के परिचय देने के बाद वहां के कर्मचारी हरकत में आए. हालांकि केंद्र प्रबंधक का अता-पता नहीं था, बस हाजिरी दर्ज थी. केंद्र का हाल देखकर महिला आयोग की उपाध्यक्ष दंग रह गईं. वहां पांच लड़कियां रखी गई हैं. 43 डिग्री तापमान में भी कूलर और वाटर कूलर की स्थिति बदतर मिली.

केंद्र में चल रही आरती त्यागी की दादागीरी

अंदर पहुंचने पर जब केंद्र की मैनेजर आरती त्यागी को तलब किया गया तो पता चला कि कई दिन बाद वह शुक्रवार शाम को आफिस आई थी और अपनी हाजिरी लगाकर चली गई. जब कर्मचारियों से पूछा गया कि ऐसा कब से चल रहा है तो एक-एक करके कर्मचारियों ने केंद्र में चल रही आरती त्यागी की दादागीरी की कहानी बयां की. महिला आयोग उपाध्यक्ष के सामने पहुंची एक नर्स ने बताया कि 15 दिन पहले जब उसने यहां ज्वाइन किया, तब से लेकर आज तक उसने आरती त्यागी के दर्शन तक नही किए है. स्वास्थ्यकर्मियों और केन्द्र की अन्य कर्मचारियों ने भी इसी तरह की व्यथा सुषमा सिंह के सामने बताई.

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महिला कर्मचारियों ने बताया कि आरती त्यागी फोन पर और व्हाट्सअप के जरिये ही केंद्र का संचालन कर रही है और आफिस नहीं आती है. कई कर्मियों ने बीते कई महीनों के व्हाट्सअप चैट भी सुषमा सिंह को दिखाए. अगर किसी कर्मी को मामूली काम के लिए भी आधे घंटे के लिए बाहर जाना पड़े तो उसके खिलाफ कार्रवाई कर दी जाती है. आरती त्यागी की अनुपस्थिति में चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी के हाथों में पूरे केंद्र की बागडोर होती है. सुषमा सिंह ने डिस्पेन्सरी का निरीक्षण किया तो वहां दवायें नदारद मिली.

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