बलरामपुर। मकर संक्रांति पर लगने वाले  तातापानी महोत्सव प्रमुख धार्मिक एवं आस्था के केन्द्र के रूप में जाना एवं पहचाना जाता है. आज के  दिन तातापानी से निकलने वाले गर्म जल से नहाने का विषेस महत्व होता है. यहां के स्थानीय आज सुबह यहां स्नान कर सूर्य को जल अर्पित कर दिन की शुरुआत किये. मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आयोजित होने वाले तातापानी महोत्सव संक्रांति परब में आने वाले श्रद्धालु भक्तों का इस बार तातापानी महोत्सव में आकर्षण का प्रमुख केन्द्र होगा 50 फीट उंचा भगवान शिव की विशाल प्रतिमा होगी.

जिला मुख्यालय बलरामपुर से रामानुजगंज मुख्य मार्ग पर 15 किलोमीटर की दूरी में राष्ट्रीय राजमार्ग 343 से लगा ग्राम तातापानी स्थित है. राज्यमार्ग के पश्चिम दिशा में तातापानी का गर्म जल स्त्रोत है. इस स्थान में 08 से 10 गर्म जल के कुण्ड स्थित हैं. स्थानीय सरगुजिहा बोली में ताता का तात्पर्य – उष्ण से है जिसके कारण यह स्थान तातापानी के नाम से जाना जाता है.

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा तातापानी गर्म जल स्त्रोत को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित किया गया है. वैदिक धर्मावलंबियों में सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में संक्रमण की तिथि मकर संक्रांति के रूप में शुभ फलदायी माना गया है. इस अवसर पर पवित्र जल कुण्डों मं स्नान की पुरातन परंपरा के निर्वहन के लिये तातापानी को अत्यन्त उपयुक्त स्थल के रूप में जन मान्यता प्राप्त है. इन कुण्डों के जल से हाइड्रोजन सल्फाईड जैसी गंध आती है. गंधक युक्त जल अपनी चर्म रोग नाशक गुण के कारण भी तातापानी आकर्षण का केन्द्र है.

बलरामपुर-रामानुजगंज जिला गठन के बाद प्रशासन द्वारा तातापानी में पिछले कुछ वर्षों से मकर संक्रांति के अवसर पर लगने वाले मेले को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान किया जा रहा है. संक्रांति पर्व के माध्यम से तातापानी को पर्यटन नक्शे पर स्थापित करने की न सिर्फ कोशिश हुई, बल्कि आमजनों को भी इससे जोड़ा गया.

मेले में तीन दिनों तक विविध खेल व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की उपलब्धियों और विभागीय योजनाओं को प्रदर्शित करते स्टाॅल से जनमानस का जुड़ाव संक्रांति परब से और बढ़ गया.  तातापानी में तालाब सौंदर्यीकरण, उद्यान निर्माण के साथ चारों ओर हरियाली के लिये विशेष प्रबंध किये गये हैं. वर्षों पुराने मंदिर व दूसरे निर्माणों को नया स्वरूप दिया गया है.