रायपुर/ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने लोक निर्माण विभाग को राज्य बजट से निर्मित पुलों पर टोल टैक्स समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में ऐसे पुलों पर टोल वसूली समाप्त करने के निर्देश दिए जिनमें वर्तमान में पांच लाख रूपए वार्षिक वसूली का प्रावधान है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से राज्य के एक हजार से ज्यादा पुलों पर यात्री वाहनों और माल वाहनों को इसका लाभ मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार के लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2004 से 2017 तक करीब तेरह साल में 965 नग पुलों का निर्माण किया  है। इसके पहले छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के प्रथम तीन वर्ष में वर्ष 2000 से वर्ष 2003 तक 66 नग और राज्य निर्माण के पहले 1978 से सन    ् 2000 तक 22 वर्ष 89 नग पुल लोक निर्माण विभाग द्वारा बनवाए गए थे।

डॉ. सिंह ने लोक निर्माण विभाग द्वारा ऐसे पुलों को टोल टैक्स से मुक्त रखने के प्रस्ताव पर तुरंत अपनी सहमति प्रदान कर दी, जिनकी मात्र पांच लाख रूपए की वार्षिक टोल वसूली में काफी व्यवहारिक  दिक्कते आती हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से पूछा कि वर्तमान में ऐसे पुलों से कितना टोल मिल रहा है। इस पर उन्हें बताया कि सिर्फ 11 करोड़ रूपए सालाना मिल रहे हैं। डॉ. सिंह ने इस राशि को अत्यंत अल्प बताते हुए कहा कि जनता की सुविधा के लिए इस प्रकार के पुलों पर टोल समाप्त करना ही उचित होगा। समीक्षा के दौरान विभाग की ओर से बताया गया कि वर्ष 2007-08 में 32 पुलों पर जिनकी टोल वसूली की राशि वार्षिक 5 लाख रूपए से कम थी, उनको पथकर वसूली से मुक्त किया गया था।

मुख्यमंत्री ने आज लगभग तीन घंटे तक लोक निर्माण विभाग के समस्त कार्यों की विस्तृत समीक्षा की।  उन्होंने विशेष रूप से उन निर्माण कार्यों को समय पर पूर्ण करने की जरूरत पर बल दिया, जिनके लिए वर्तमान वर्ष 2017 और आगामी वर्ष 2018 में जून तक समय-सीमा तय की गई है।  बैठक में लोक निर्माण मंत्री  राजेश मूणत, मुख्य सचिव  विवेक ढांड, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव अमिताभ जैन, लोक निर्माण विभाग के सचिव  सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक अनिल राय, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता  डी.के. प्रधान और अन्य संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। लोक निर्माण सचिव  सुबोध कुमार सिंह ने विभागीय कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम द्वारा 27 सड़कों के प्रोजेक्ट हाथ में लिए गए हैं, जिनकी लम्बाई 889 किलोमीटर है। इनके निर्माण के लिए 3238 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। इनमें से 648 किलोमीटर की 22 सड़कों के लिए एजेंसी भी तय हो चुकी है। इनकी लागत 2182 करोड़ रूपए हैं। कई सड़कों का निर्माण प्रगति पर है। एशियन विकास बैंक  (ए.डी.बी.) की ऋण सहायता के दूसरे चरण में 2200 करोड़ की 18 सड़कों का निर्माण चल रहा है। निगम द्वारा 856 किलोमीटर सड़कों के लिए 2211 करोड़ रूपए का अनुबंध किया गया है। इनमें से 511 किलोमीटर की सड़कों और 1410 पुल-पुलियों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। ए.डी.बी. के तीसरे चरण के लिए छत्तीसगढ़ सड़क विकास निगम द्वारा लगभग 5500 करोड़ रूपए का ऋण प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस राशि से 38 सड़कों का निर्माण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसके लिए एशियन विकास बैंक (ए.डी.बी.) से जल्द चर्चा करने और प्रस्तावित कार्य योजना को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव रजत कुमार ने इस अवसर पर प्रस्तुतिकरण में बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री डैश बोर्ड को लगभग तैयार कर लिया है, जिसमें सभी विभागों के निर्माण कार्यों की स्वीकृति से लेकर निर्माण की प्रगति की ताजा स्थिति की जानकारी ऑन लाइन आसानी से मिल सकेगी। निर्माण विभागों के मंत्रियों और सचिवों से लेकर प्रमुख अभियंता और उप अभियंता तक मोबाइल एप के जरिये इस डैश बोर्ड से जुड़े रहेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं डैश बोर्ड पर ऐसे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा करके उस पर ऑन लाइन अपने रिमार्क भी दे सकेंगे।