दिल्ली. इसे गुजरात चुनावों में कांग्रेस से मिली कड़ी टक्कर कहें या फिर 2019 के लोकसभा चुनावों की तैय्यारी, मोदी सरकार इस बार लोकलुभावन बजट पेश करने की पूरी तैय्यारी कर रही है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार साल 2018-19 के लिए पेश किए जाने वाले आम बजट में मिडिल क्लास को राहत देने का मन बना चुकी है. अरसे से इस बात की मांग मिडिल क्लास कर रहा था कि इन्कम टैक्स छूट की सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया जाए. समाज का एक तबका पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री करने की मांग कर रहा है.
सूत्रों की मानें तो इस बार ऐसा बजट सरकार लाने की योजना बना रही है जिसमें मिडिल क्लास को राहत दी जा सके. सरकार की योजनाओं से सबसे ज्यादा खफा यही तबका है. आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट में टैक्स स्लैब में भारी फेरबदल हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक पांच से दस लाख रुपये की सालाना आय पर बीस प्रतिशत के बजाय उसे घटाकर दस फीसदी की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव भी सरकार कर सकती है.
बढ़ती खुदरा महंगाई के चलते खाने पीने व रोजमर्रा की चीजों के महंगे होने के कारण इस बात की सख्त जरूरत महसूस की जा रही है कि आम आदमी को करों के बोझ से राहत दी जाय. अगले साल होने वाले चुनावों को देखते हुए सरकार इस बात की पूरी तैय्यारी कर चुकी है कि आम आदमी को राहत देने के लिए कदम उठाए जाएं वर्ना चुनावों में उसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है. गौरतलब है कि ये सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. इसलिए सरकार इस बजट में कड़े कदम उठाने से पूरी तरह परहेज करेगी.
अगर सूत्रों की मानें तो सरकार इस बात का फैसला कर चुकी है कि करमुक्त आय की सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख कर दिया जाय व करदाताओं को बड़ी राहत दी जाय. वैसे ये खबर उन करदाताओं के लिए राहत भरी खबर है जो अरसे से टैक्स स्लैब में परिवर्तन की मांग कर रहे थे.