नई दिल्ली. बड़ा सवाल है कि आंध्र प्रदेश में सत्तासीन तेलगु देशम पार्टी एनडीए में रहेगी या नहीं. बुधवार को केंद्र में एनडीए का साथ छोड़ने के ऐलान के बाद दो मंत्री वाईएस चौधरी और अशोक गणपति राजू इस्तीफा दे देंगे. संकेत मिल रहे थे कि टीडीपी एनडीए से अलग हो जाएगी लेकिन इस्तीफे से पहले वाईएस चौधरी के बयान ने सस्पेंस बढ़ा दिया. वाईएस चौधरी ने कहा कि वे इस्तीफ़ा दे रहे हैं पर उनकी पार्टी एनडीए का साथ नहीं छोड़ रही है.

दूसरी तरफ बीजेपी भी ज़्यादा मान मनोव्वल के मूड में नहीं है. आंध्रप्रदेश बीजेपी के एमएलसी ने कहा है कि हमने फैसला किया है कि राज्य सरकार में हमारे मंत्री इस्तीफ़ा दे देंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हम जनता को ये बताने जा रहे हैं कि केंद्र ने आंध्र के लिए क्या-क्या किया है. बीजेपी एमएलसी पीवीएन माधव ने कहा कि हमने पहले ही तय कर लिया है कि हमारे मंत्री टीडीपी कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे देंगे. हम लोगों के बीच जाएंगे और बताएंगे कि केंद्र ने राज्य के लिए क्या किया है. आज़ादी के बाद से आंध्र प्रदेश से ज़्यादा किसी भी राज्य को केंद्र से इतनी मदद नहीं मिली है.

इस टूट का फायदा उठाने के लिए दूसरी सियासी पार्टियां भिड़ गई हैं. मौके का फायदा उठाने के लिए कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले अहमद पटेल ने ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि ये बेदह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आँध्रप्रदेश का फोन कॉल पीएम मोदी ने नहीं उठाया.
https://twitter.com/ahmedpatel/status/971451153182535681

आंध्रप्रदेश विधानसभा 
दलगत स्थिति (कुल 176)
टीडीपी- 127
बीजेपी- 4
वाइएसआरसीपी- 44
नामांकित- 1

चंद्राबाबू नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद ट्वीट कर फैसले की जानकारी दी थी. उन्‍होंने कहा था कि केंद्र सरकार एकतरफा फैसले ले रही है और हमारा संयम अब टूट रहा है. जब केंद्र सरकार में शामिल होने का मकसद ही पूरा ना हो रहा हो तो अच्छा है कि बाहर हो जाया जाए. मैं किसी से नाराज़ नहीं हूं. ये फ़ैसला आंध्र प्रदेश के लोगों के हितों के लिए लिया गया है. ये बहुत अहम वक्त है. हमें डटे रहना होगा, लड़ना होगा और इसे हासिल करना होगा.

केंद्र का साथ छोड़ने के ऐलान के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि बजट वाले दिन से ही वो सरकार से शिकायत कर रहे हैं. लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि शिष्टाचार के तौर पर वो पहले फैसले की जानकारी प्रधानमंत्री को देना चाहते थे. लेकिन उनकी नरेंद्र मोदी से बात नहीं हो पाई और जेटली के भाषण से वो आहत हुए. बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टीडीपी की मांगों को मानने से इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह के फ़ैसले फंड देख कर किए जाते हैं जज़्बात के आधार पर नहीं होते.

वहीं वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि हम हर संभव मदद की कोशिश कर रहे हैं. बदलाव सिर्फ़ इतना है कि वित्त आयोग की रिपोर्ट के बाद हम इसे विशेष राज्य का दर्जा नहीं कह सकते. बल्कि हम इसे स्पेशल पैकेज कह रहे हैं, जिसमें वो सभी फायदे हैं जो विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त राज्यों को मिलता है. हम आंध्र प्रदेश को 4 हज़ार करोड़ वित्तीय घाटे के मद दे चुके हैं. सिर्फ़ 138 करोड़ की रकम बाकी है. ये विशेष राज्य को जो भी सुविधा मिलती है वो सभी सुविधा हम आंध्र प्रदेश को देने के लिए वचनबद्ध हैं.