नई दिल्ली। अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले ही मोदी सरकार को करारा झटका तेलगु देशम पार्टी यानि टीडीपी ने दिया है. दरअसल आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए से अलग होने का ऐलान कर दिया है. आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा ना मिलने से नाराज़ टीडीपी ने आज सुबह ये बड़ा फैसला लिया. कुल मिलाकर टीडीपी ने एनडीए से समर्थन वापस ले लिया है.

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा नहीं मिलने से नाराज़ टीडीपी कोटे के मंत्रियों ने केंद्र सरकार से इस्तीफा दे दिया था. वहीं बीजेपी कोटे के मंत्रियों ने राज्य सरकार से अपना इस्तीफा दे दिया था.

टीडीपी के मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने इस मुद्दे को लेकर पार्टी की सबसे बड़ी निर्णय लेने वाली कमेटी पोलित ब्यूरो के साथ बैठक की. ये बैठक अमरावती में हुई थी. नायडू ने एनडीए से अलग होने का फैसला इसी बैठक में लिया. टीडीपी का आरोप है कि बीजेपी ने आंध्र प्रदेश के साथ सही तरीके से बर्ताव नहीं किया. वहीं इस बैठक में पार्टी ने फैसला किया है कि वो लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करेगी.

आज लाया जा सकता है अविश्वास प्रस्ताव

आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. वाईएसआर पार्टी के 6 सांसदों ने शुक्रवार के लिए लोकसभा महासचिव को प्रस्ताव का नोटिस दिया है. माना जा रहा है कि टीडीपी केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी. वाईएसआर कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी ने भी नायडू को पत्र लिखकर समर्थन देने की अपील की है.

 

जगन मोहन रेड्डी की पार्टी इसके लिए अन्य विपक्षी दलों से समर्थन भी जुटा रही है. सदन में इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए कम से कम 50 सांसदों का समर्थन जरूरी होता है.

आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय का आरोप

बता दें कि कल टीडीपी प्रमुख और मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के साथ अन्याय किया है. उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी वाईएसआर कांग्रेस द्वारा नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देने के कुछ घंटे बाद कही. वाईएसआर कांग्रेस ने ये कदम केंद्र के आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से मना करने के बाद उठाया है.

वाईएसआर कांग्रेस को भी दी थी चेतावनी

नायडू ने विधानसभा में कहा, था कि जो भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा, हम उसका समर्थन करेंगे. हालांकि उन्होंने वाईएसआरसी को चेतावनी देते हुए ये भी कहा था कि अगर आप गंभीरता से अविश्वास प्रस्ताव लाते हैं, तो हम पूरा सहयोग करेंगे. अगर आप मिलीभगत करके ऐसा करते हैं तो हम आपका पर्दाफाश करेंगे.

वर्तमान में लोकसभा की स्थिति

भारतीय जनता पार्टी- 272 + 1 (स्पीकर)

कांग्रेस – 48

AIADMK – 37

तृणमूल कांग्रेस – 34

बीजेडी – 20

शिवसेना – 18

टीडीपी – 16

टीआरएस – 11

सीपीआई (एम) – 9

वाईएसआर कांग्रेस – 9

समाजवादी पार्टी – 7

इनके अलावा 26 अन्य पार्टियों के 58 सांसद, साथ ही 5 सीटें खाली