चंद्रकांत/बक्सर: जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका सावित्री कुमारी की नौकरी पर तलवार लटक गई है. उन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डी.एड. प्रमाण पत्र के सहारे 10 साल पहले सरकारी नौकरी हासिल की थी. जब इस बात की शिकायत हुई और जांच शुरू हुई, तो उनका राज खुल गया. अब जिला शिक्षा पदाधिकारी ने उन्हें तुरंत सेवा से बर्खास्त करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

प्रमाण पत्र की कराई पुष्टि 

यह पूरा मामला तब सामने आया जब ब्रह्मपुर निवासी दयाशंकर प्रसाद ने जिला प्रशासन को शिकायत दी. उन्होंने कहा कि सावित्री कुमारी ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पंचायत प्राथमिक विद्यालय, एकडार में 2015 में नौकरी पाई थी. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिला गोपनीय शाखा ने मामले की जांच शुरु की और मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से उनके डी.एड. प्रमाण पत्र की पुष्टि कराई.

फर्जी प्रमाण पत्र का पर्दाफाश 

भोपाल शिक्षा मंडल से आई रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया. रिपोर्ट के मुताबिक सावित्री कुमारी ने जिस डी.एड. (द्वि-वर्षीय पाठ्यक्रम) प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाई थी, वह कभी जारी ही नहीं हुआ था! उनकी अंक सूची में दर्ज अनुक्रमांक और परीक्षा केंद्र नंबर भी फर्जी निकले.

कानूनी कार्रवाई के आदेश

अब जिला शिक्षा पदाधिकारी अमरेंद्र पांडेय ने निर्देश दिया है कि सावित्री कुमारी को तुरंत नौकरी से बर्खास्त किया जाए. इसके अलावा, उनके खिलाफ संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज कराने के भी आदेश दिए गए हैं. इतना ही नहीं, उन्हें अब तक मिली पूरी सैलरी भी सरकार को लौटानी होगी. इस मामले के खुलासे के बाद जिले में हड़कंप मच गया है. शिक्षा विभाग अब ऐसे अन्य मामलों की भी जांच में जुट सकता है. वहीं, यह भी देखने वाली बात होगी कि क्या इस मामले की जांच में और बड़े खुलासे हो पाते हैं या नहीं?

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