रायपुर. छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने प्रथम नियुक्ति तिथि की गणना कर 20 वर्ष में पूर्ण पेंशन, सहायक शिक्षको के वेतन विसंगति, प्रथम नियुक्ति तिथि से क्रमोन्नति, अवरुद्ध पदोन्नति शीघ्र करने, प्राचार्य पद को वन टाइम रिलेक्सेशन में शामिल करने के मुद्दे पर शिक्षक संगठनों को मिलकर काम करने की जरूरत बताई है.

उन्होंने आगे कहा कि हमने 2013 में मिलकर शिक्षक के समान 6वें वेतन के लिए काम किया, हमें समतुल्य वेतन मिला, संविलियन की लंबी और अहम लड़ाई लड़ते रहे. हम मिलकर 2017 में लड़े और संविलियन हुआ. हम 3 वर्षो से लगातार पुरानी पेंशन के लिए मिलकर काम कर रहे थे, अब पुरानी पेंशन लागू हो गई है. पुरानी पेंशन 1 लाख 65 हजार शिक्षको का मामला है. जिसमें एलबी संवर्ग के 83 हजार सहायक शिक्षक और 82 हजार शिक्षक, व्याख्याता हैं. 22 अगस्त से हड़ताल की स्थिति में DA और HRA को लेकर लगातार हड़ताल करने की चर्चा छत्तीसगढ़ शालेय शिक्षक संघ, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन, नवीन शिक्षक संघ के बीच जारी है. 30 जुलाई को रायपुर में धरना और रैली में हजारों शिक्षकों ने शिक्षक हित को भी जोड़ने का पक्ष रखा था. इस पर हम लगातार चर्चा कर रहे हैं और आने वाले समय में शिक्षक हित के मुद्दों को सर्वोपरि रखते हुए 1 मांगपत्र और DA, HRA के लिए अलग से 1 मांगपत्र बनाकर आगे बढ़ेंगे.

ये हैं शिक्षक संगठनों की मांग

शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा, नवीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विकास राजपूत ने कहा है कि पूर्व सेवा अवधि की गणना कर प्रथम नियुक्ति तिथि से 20 वर्ष की सेवा को पूर्ण पेंशन के लिए मान्य कर पुरानी पेंशन लागू करने, सहायक शिक्षक के वेतन विसंगति को दूर करने के लिए प्राथमिक शिक्षा को विशेष शिक्षा का दर्जा देकर व्याख्याता – शिक्षक के समानुपातिक सहायक शिक्षक का वेतनमान सुधार करने, 2013 में लागू शिक्षक समतुल्य वेतनमान को 1.86 गुणांक के आधार पर वेतनमान निर्धारण कर संशोधित एलपीसी जारी करने, पूर्व सेवा अवधि को जोड़ते हुए सहायक शिक्षको को प्रचलित नियम अनुसार सीधे उच्च वर्ग शिक्षक का 4200 ग्रेड पे का उच्चतर वेतनमान देते हुए क्रमोन्नति का आदेश करने और शिक्षक समेत व्याख्याता के लिए समयमान वेतनमान का आदेश जारी करने के लिए साझा मंच से प्रयास करने की आवश्यकता है. शिक्षक विषय पर मिलकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है.

मिलकर रणनीति बनाने की जरुरत

वीरेंद्र दुबे, संजय शर्मा, विकास राजपूत ने कहा कि पदोन्नति के लिए वन टाइम रिलेक्सेशन का नियम बनाया गया. लेकिन वह उच्च न्यायालय में स्थगन और शिक्षा विभाग की ओर से उचित पहल नहीं होने के कारण लटका हुआ है. पदोन्नति के लिए न्यायालयीन बाधा दूर कराने और प्राचार्य पदोन्नति के लिए वन टाइम रिलेक्सेशन का प्रावधान बनाने सहित बड़े मुद्दे पर शिक्षक संगठनों को मिलकर रणनीति बनाने की आवश्यकता है. कुछ ऐसे शिक्षक साथी इस बात की आलोचना करेंगे जो एकजुट नहीं होना चाहते या होने नहीं देना चाहते, लेकिन ये सत्य है कि मिलकर संघर्ष करने पर ही बेहतर परिणाम मिला है. अलग-अलग वर्ग संघर्ष में कुछ भी नहीं मिला है.

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