पटना। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की योजनाओं की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में मंत्री ने शिक्षकों के वेतन, प्रोन्नति, स्कूलों के विकास और रिक्तियों से जुड़े अहम निर्देश जारी किए।

हर स्तर पर एक मॉडल स्कूल बनेगा

मंत्री ने कहा कि राज्य के हर जिला, अनुमंडल और प्रखंड में एक सरकारी विद्यालय को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। ये मॉडल स्कूल न सिर्फ सुदृढ़ होंगे, बल्कि निजी विद्यालयों से बेहतर शिक्षा का वैकल्पिक मॉडल बनेंगे। इस संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

जहां उच्च माध्यमिक विद्यालय नहीं, वहां त्वरित शुरुआत

उन्होंने निर्देश दिया कि जिन पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय संचालित नहीं है, वहां जल्द से जल्द विद्यालय शुरू कराने की प्रक्रिया तेज की जाए ताकि बच्चों को स्थानीय स्तर पर बेहतर शिक्षा उपलब्ध हो सके।

वेतन विसंगति दूर करने और रेशनलाइजेशन का आदेश

शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की वेतन विसंगति को शीघ्र समाप्त करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर लंबित मामलों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों का रेशनलाइजेशन सुनिश्चित करने को कहा।

लंबित प्रोन्नतियों और भत्तों का समाधान

मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि जिन शिक्षकों की प्रोन्नति लंबित है उन्हें नियमानुसार जल्द प्रोन्नति दी जाए। उन्होंने डीए, महंगाई भत्ता और एचआरए से जुड़ी समस्याओं को भी शीघ्र दूर करने को कहा और HRMS पोर्टल पर सभी डेटा सही कराने का निर्देश दिया।

स्कूलों का नियमित निरीक्षण और रिक्तियों पर नाराजगी

मंत्री ने स्कूलों में नियमित निरीक्षण को अनिवार्य बताते हुए कहा कि राज्य मुख्यालय से भी अधिकारी रैंडम चेक करेंगे। बैठक में उन्होंने 21 जिलों द्वारा शिक्षकों की रिक्ति रिपोर्ट नहीं भेजने पर नाराजगी जताई और इसे जल्द उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।