पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। शिक्षकों की मांग को लेकर ओढ़ के ग्रामीणों ने स्कूलों में तालाबंदी कर दी थी. इस पर शिक्षा विभाग ने चार शिक्षकों की व्यवस्था की है, इनमें से एक ही शिक्षक के संस्थान में ज्वाइनिंग देने के साथ बच्चों ने उनका गुलाल लगाकर स्वागत किया. इसके साथ ही ग्रामीणों ने जिन संस्थानों में शिक्षक ने ज्वाइन नहीं दी, उनकी तालाबंदी जारी रखने की बात कही.
127 सहायक शिक्षक व 100 से ज्यादा शिक्षक की नियुक्ति के बावजूद ओढ़ में संचालित बालक आश्रम, 3 प्राथमिक शाला और 1 मिडिल स्कूल एक शिक्षकीय स्कूल बन कर रह गए थे. शिक्षकों के बार-बार बीमार पड़ने व सरकारी काम से मुख्यालय जाने पर अध्यापन कार्य लगातार बाधित हो रहा था. दुर्गम पहाड़ों पर बसे इन स्कूलों की अनदेखी पर 26 सितम्बर से ग्रामीणों ने सभी 5 संस्थानों में तालाबंदी कर विरोध शुरू किया था.
लल्लूराम डॉट कॉम ने 28 सितम्बर को इस संबंध में प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया था. इसके बाद प्रशासन ने दावा किया कि 25 सितम्बर को ही 4 संस्थानों में शिक्षक की व्यवस्था कर दी. हालांकि, बुधवार तक ओढ़ बालक आश्रम में व्यवस्था के नाम पर भेजे गए मृगेंद बंजारे ने ही ज्वाइन किया. ग्रामीणों ने शिक्षक का गुलाल लगाकर स्वागत किया और केवल इसी संस्थान का ताला खोला.
वहीं प्राथमिक शाला हथोडाडीह के लिए भेजे गए दुष्यंत कुमार सेठ, प्राथमिक शाला नगरार के लिए भेजे गए देवनाथ चौहान, मिडिल स्कूल ओढ़ के लिए भेजे गए शेष नारायण शांडिल्य ने अब तक ज्वाइन नहीं किया है. कुकरार प्राथमिक शाला के लिए किसी को पदस्थ नहीं किया गया है, इसलिए चारों संस्थानों पर ताला लटका रहा. ग्रामीणों का कहना है कि मांगों को माने जाने तक तालाबंदी जारी रखेंगे.
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गरियाबन्द बीईओ आरपी दास ने बताया कि जिला शिक्षा अधीकारी के माध्यम से ओढ़ के लिए मांग अनुरूप व्यवस्था कर दिया गया है. सम्पर्क विहीन इलाका होने के कारण आज सम्पर्क नहीं हो सका है. अभी तक सभी स्कूल खुलने की सूचना है. अगर बन्द है तो संकुल समन्वयक से जानकारी लेकर उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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