रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षक सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, कुरूक्षेत्र हरियाणा में प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में स्कूलों की भूमिका को सीख रहे हैं. राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है.

11 से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश के शिक्षक-शिक्षिकाएं भाग ले रहे हैं. सुबह 9 बजे से शुरू होने वाली कार्यशाला शाम 5 बजे तक चलती हैं, जिसमें सभी राज्यों के शिक्षक इतिहास, नैतिक शिक्षा, स्वच्छता सहित विभिन्न राज्यों के खान-पान रहन-सहन, वेशभूषा, भाषा आदि संस्कृतियों का आदान-प्रदान सीख रहे हैं. केंद्र में संचालित अनुशासन, नियमित दिनचर्या, भव्य पुस्तकालय इस प्रशिक्षण के आकर्षक बिंदु हैं.

शिक्षक आख्यानों एवं भ्रमण के द्वारा प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण एवं बच्चों तक इसकी महत्ता को पहुंचाने में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना सीख रहे हैं. इस राष्ट्रीय कार्यशाला में छत्तीसगढ़ से खेमराज साहू हायर सैकंडरी स्कूल कोमाखान, महासमुंद, अनिता तिवारी, माध्यमिक विद्यालय राधापुर, सीतापुर, सरगुजा, गंगा शरणपासी, हायर सैकंडरी स्कूल पथरी रायपुर, सतेन्द्र नाथ योगी, माध्यमिक विद्यालय फतेहपुर, उदयपुर, रीता गिरी, गर्ल्स हायर सैकंडरी अधिना शल्का, सूरजपुर, मोमिता चटर्जी, माध्यमिक विद्यालय मनेंद्रगढ़, पुरानी बस्ती कोरिया शामिल हैं.