अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार. जिले में अवैध रेत खनन धड़ल्ले से जारी है. और जब रेत खनन पर कार्यवाही की बात आती है तब किसी बड़े नेता या जनप्रतिनिधि पर नहीं बल्कि जांच करने गए अधिकारियों पर ही कार्यवाही हो जाती है. ताजा मामला बलौदाबाजार जिले के पलारी का है, जहां पलारी तहसीलदार नीलमणि दुबे ने अवैध रेत परिवहन पर कार्रवाई की तो 2 घंटे के भीतर उनका स्थानांतरण कर दिया गया. तहसीलदार नीलमणि दुबे को राज्य प्रशासन ने निर्वाचन कार्य देखने बुला लिया है. वहीं अब इस मामले में नीलमणि ने प्रदेशभर के तहसीलदार, पटवारियों के साथ मोर्चा खोलने की बात कही है.

मामला रायल्टी चोरी कर अवैध रूप से रेत परिवहन करने का है. इस मामले में नीलमणि दुबे ने कहा, तहसीलदार, पटवारी, आरआई, अधिवक्ता, कोटवार सभी मेरे साथ हैं. सभी ने सामूहिक अवकाश पर जाने का निर्णय लिया है. मेरे साथ गलत हुआ है. 4-5 महीने ही मैं यहां आया हूं. यह स्थानांतरण सही नहीं है. कोई गलत काम मैने किया नहीं है कि मेरा स्थानांतरण किया जाए. मेरे साथ राजनीति हो रही है. इस मामले में प्रांतीय कार्यकारिणी को अवगत करा चुका हूं, जल्द ही आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा.

नीलमणि दुबे

जानकारी के मुताबिक पलारी तहसीलदार नीलमणि दुबे क्षेत्र के दौरे पर थे. इसी दौरान रेत भरकर जा रही हाईवा को रोककर कागजात पूछा एवं रायल्टी पर्ची पूछा, जिस पर नहीं होने की जानकारी होने पर उन्होंने कार्यवाही कर दिया और इसकी सूचना कलेक्टर रजत बंसल को भी दी. हाईवा संसदीय सचिव के खास व्यक्ति की थी तो कार्यवाही से तमतमाई संसदीय सचिव तहसीलदार के पास पहुंच गई और अपने पद एवं शासन का रौब दिखाते हुए तहसीलदार को बोरिया बिस्तर बांधने कह दिया और चली आई. इस घटना को महज कुछ घंटे हुए थे कि मंत्रालय से तहसीलदार नीलमणि दुबे के लिए सिंगल आर्डर निकला और रायपुर बुला लिया गया.

पलारी तहसीलदार अपनी ठोस कार्यवाही के कारण क्षेत्र में जाने जाते हैं. अब सवाल उठ रहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार निष्पक्ष कार्यवाही की बात कही जाती है, गलत करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही जाती है तो क्या प्रशासन के अधिकारी द्वारा अवैध रेत परिवहन पर कार्यवाही सही थी या गलत. दूसरी बात संसदीय सचिव जो करी है क्या सही है, जबकि उनका ही प्रशासन स्वच्छ व पारदर्शी प्रशासन की बात करता है.

इस मामले में संसदीय सचिव व विधायक शकुंतला साहू ने कहा, तहसीलदार ने फोन नहीं उठाया तो मैं उसके पास गई हूं. रेत मामले में कोई बातचीत नहीं हुई है. वहीं मंत्री शिव डहरिया ने कहा, किस अधिकारी को कहां भेजना है यह सरकार तय करती है. इसे रेत के अवैध परिवहन मामले से न जोड़ा जाए.

वहीं जब सकुंतला साहू से हटाने को लेकर सवाल पूछा तो छल्लाते हुए उन्होंने कहा मैंने हटवाया है क्या. जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. हालांकि, ये पहली दफा नहीं है इससे पहले भी सकुंतला साहू अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह चुकी हैं.

स्थानांतरित तहसीलदार नीलमणि दुबे का बयान