हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी और सांसद वी. विजय साईं रेड्डी की जमानत रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। अदालत वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के बागी सांसद के. रघु रामकृष्ण राजू द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें जगन मोहन रेड्डी की जमानत रद्द करने की उनकी याचिका को खारिज करने के सीबीआई अदालत के आदेश को चुनौती दी गई है।

सांसद के वकील ने तर्क दिया कि जगन मोहन रेड्डी ऐसे पद पर हैं, जहां से वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मामले पर केंद्रीय जांच ब्यूरो का रुख पूछा। हालांकि, एजेंसी ने कहा कि सीबीआई अदालत का आदेश आने के बाद से स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।

सीबीआई अदालत ने सितंबर में जमानत शर्तो के कथित उल्लंघन के आधार पर जगन और उनके करीबी विजय साईं की जमानत रद्द करने की मांग वाली राजू की याचिका को खारिज कर दिया था।

नरसापुर से लोकसभा सदस्य राजू ने भी आशंका जताई थी कि मामले में जगन मोहन रेड्डी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।

हालांकि, जगन मोहन रेड्डी और विजय साईं रेड्डी ने अदालत में कहा था कि उन्होंने जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि राजू ने राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए याचिका दायर की थी।

जगन मोहन रेड्डी ने अपने जवाबी हलफनामे में आरोप लगाया कि राजू व्यक्तिगत झगड़ा निपटाने के लिए अदालत को एक मंच के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने सांसद को एक बेईमान आदमी बताया, जिन्होंने बैंकों से धोखाधड़ी की।

राजू की याचिका को प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास बताते हुए जगन ने दावा किया कि याचिकाकर्ता जमानत रद्द करने का मामला बनाने में विफल रहा।