कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। शहर में दो पुलिस जवान को अपने नाबालिग बच्चों को डांटना भारी पड़ गया। दोनों बच्चे 24 अप्रैल को घर से 8 लाख नकदी लेकर भाग गए। बीती रात ग्वालियर पुलिस ने उनको पकड़ा तो चौकाने वाली तस्वीर सामने आई। दोनों ने घर से चोरी किये रुपयों से नई बाइक और दो पिस्टल खरीदी। बाकी रुपए अपने ऐशो आराम पर खर्च कर दिए। पुलिस को महज सवा लाख रुपए उनसे मिले हैं।

बता दें कि हजीरा पुलिस लाइन में रहने वाले प्रधान आरक्षक सीताराम माहौर का 16 साल का बेटा बीती 24 अप्रैल को घर से गहनों सहित आठ लाख का माल लेकर गायब हो गया था उसके साथ अंशुल त्यागी प्रधान आरक्षक का बेटा भी गायब था। घरवाले अंशुल पर किशोर का अपहरण कर आगरा के बदमाशों के हवाले करने का आरोप लगा रहे थे। पुलिस को पड़ताल के दौरान पता चला कि किशोर और उसके साथी बरेली उत्तर प्रदेश में है। पुलिस दोनों को एक होटल से पकड़ने पहुंची। पुलिस पार्टी दोनों को तलाशने के लिए उत्तर प्रदेश गई, लेकिन वहां से पता चला कि बाइक से दोनों ग्वालियर वापस गए हैं। ऐसे में पुलिस ने दोनों को ग्वालियर लौटने पर पकड़ लिया।

गौरतलब है कि पुलिस पूछताछ में प्रधान आरक्षक सीताराम माहौर के नाबालिग बेटे ने पुलिस को बताया कि उसके पिता उसे हमेशा डांटते रहते थे, इसलिए वह अपने हिस्से के रुपए लेकर दोस्त के साथ घर से भाग गया। घूमने के लिए एक नई बाइक खरीदी और अपनी सुरक्षा के लिए बिहार के समस्तीपुर से दो पिस्टल भी ली। नए कपड़े खरीदे, महंगे होटलों में रुका और कुल मिलाकर उसने पौने सात लाख रुपये अपने ऐशो आराम पर खर्च कर दिए। बहराल पुलिस किशोर और उसके साथी को पिस्टल बेचने वाले हथियारों के तस्कर की पहचान कर तलाश में जुट गई है। जानकारी राजेश दंडोतिया एडिशनल एसपी क्राइम ने दी।

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