रायपुर. एक समय था जब बच्चों को मां नानी-दादी कहानियां सुनाया करती थी, और कहानी सुनते सुनते बच्चे बहुत आसानी से सो जाया करते थे. पर आजकल कहानी सुनने, सुनाने का ट्रेंड काफी बदल गया है. आजकल कहानी सुनाने का काम मोबाइल करने लगा है. हर जगह देखने में आता है कि पेरेंट्स बच्चों को Mobile दे देते हैं और बच्चे खुद ही उसमें कहानी, पोयाम सुन लेते हैं.

 कहा जाता है कि सोने से पहले कहानी सुनाने से बच्चों की पर्सनालिटी डेवेलपमेंट में बेहतर होता है. तो वहीं बच्चों की मेंटल ग्रोथ में भी इससे तेजी आती है. तो आइए जानते हैं बच्चों को कहानी सुनाने के कुछ अनोखे फायदों के बारे में.

कहानियों से क्रिएटिव बनेंगे बच्चे

कहानियां सुनाते समय बच्चे स्टोरी के सभी पहलुओं पर गौर करते हैं. साथ ही इन कहानियों से बच्चे काफी कुछ नया भी सीखते हैं. जिसके चलते बच्चों का दिमाग काफी क्रिएटिव होता है. साथ ही स्टोरी टेलिंग के जरिए आप बच्चों को संस्कृति और रिचुअल्स से भी कनेक्ट कर सकते हैं.

बुक्स पढ़ने की हॉबी

सोने से पहले कहानी सुनने से बच्चों का स्टोरीज में इंटरेस्ट डेवेलप होता है. ऐसे में बच्चे मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल कम करके बुक्स पढ़ने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं. साथ ही बड़े होने के साथ-साथ किताबें पढ़ना बच्चों की फेवरेट हॉबी बन जाती है. जो कि उनके लिए बहुत अच्छी बात है.

इमेजिनेशन स्किल होगी मजबूत

कहानी सुनाते समय बच्चे न सिर्फ कहानियों में खो जाते हैं बल्कि कहानी को इमेजिन भी करने लगते हैं.जिससे बच्चों के अंदर सोचने की क्षमता का विकास होता है और बच्चों की कल्पना शक्ति काफी मजबूत बनती है.

नींद आने में सहायक

आमतौर पर सोने से पहले बच्चे फोन या वीडियो गेम्स खेलना पसंद करते हैं.जिसके चलते उन्हें नींद देर से आती है.वहीं नींद पूरी न होने से बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगता है.ऐसे में सोने से पहले बच्चों को कहानी सुनाना बेहतर विकल्प हो सकता है.इससे न सिर्फ बच्चे जल्दी सो जाते हैं, बल्कि उन्हें नींद भी काफी गहरी आती है.

कॉन्सन्ट्रेशन पावर बढ़ता है

कहानी सुनाते समय बच्चों का सारा ध्यान सिर्फ स्टोरी पर केंद्रित होता है और बच्चे इधर-उधर की चीजों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते हैं.ऐसे में रोज कहानी सुनने से बच्चों की कॉन्सन्ट्रेशन पावर बढ़ने लगती है,साथ ही बच्चों का दिमाग एकाग्र और फोकस रहता है.