लोकेश प्रधान, बरमकेला- स्कूली बच्चों की परीक्षा चल रही थी और सभी शिक्षक घूमने के लिए निकल गए. छात्र शिक्षकों की अनुपस्थिति में इधर-उधर घूम रहे थे. ये हाल है जांजगीर-चांपा जिले के सरकारी शिक्षा व्यवस्था का. ऐसे में बच्चे अपनी पढ़ाई कैसे करेंगे .और ये बच्चे आगे भविष्य कैसे गढ़ेंगे? ये बड़ा सवाल है. अमूमन स्कूलों में शिक्षकों की लापरवाही का ये पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई मामले आए दिन प्रदेश में सामने आते रहते हैं.

दरअसल पूरा मामाल बरमकेला ब्लॉक के ग्राम पंचायत लेन्ध्रा हाईस्कूल का है. यहां शिक्षकों की गंभीर लापरवाही सामने आई है. स्कूल में पदस्थ शिक्षकों ने बच्चों की प्री बोर्ड परीक्षा को छोड़कर घूमने चले गए. इसकी जानकारी होने पर जनपद सदस्य, सरपंच व उप सरपंच ने स्कूल पहुंचकर जायजा लिया. बच्चों की पढ़ाई की प्रभावित होता देख जनप्रतिनिधियों ने शिक्षकों की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से कर कार्रवाई की मांग की. शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीईओ ने जांच के लिए बीईओ एन खुंटे को तलब किया.

बीईओ ने जांच में पाया की सभी 10 शिक्षक एक साथ छुट्टी लेकर घूमने गए हैं और प्री बोर्ड परीक्षा चल रही है. स्कूल में बीईओ ने पालकों की शिकायत भी सुनी.

पालकों का कहना था कि आज हमें पता चला की लोग अपने बच्चे को निजी स्कूलों में क्यों पढ़ने भेजते हैं, क्योंकि सरकारी स्कूल ऐसा ही होता है, यहां सब की मनमानी चलती है. ऐसे लोग जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करते हैं, उन शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं होती, जिससे उनका मनोबल बढ़ता है. दुख की बात ये है कि सब शिक्षक लगभग पास के गांव के है. फिर बच्चों को इस हालत में छोड़कर चले गए. जहां सरकार स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत साही योजनाएं क्रियान्वयन कर रही है और इस पर वह गर्व करती है, लेकिन ऐसे शिक्षक सरकारी स्कूलों को बदनाम करने पर तुले है.

बीईओ एन खुंटे ने कहा कि यहां के प्रभारी प्राचार्य और 9 शिक्षक भी बाहर चले गए हैं. इसकी सूचना किसी को नहीं दी गई है. स्कूल के अन्य लोगों को यात्रा में जाना बताया गया है. यह नियम के विरूद्ध है इस तरह से कार्य नहीं होने चाहिए. प्री बोर्ड परीक्षा को नजरअंदाज कर बाहर जाना सही नहीं है. बिल्कुल कार्यवाही होनी चाहिए. मैंने पूरी रिपोर्ट तैयार कर डीईओ को प्रतिवेदन सौंप दूंगा. जो भी कार्यवाही करना है वो जिला शिक्षाधिकारी करेंगे.