जयपुर: राजस्थान के जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई की आत्महत्या के बाद विरोध प्रदर्शन और तनाव बढ़ गया है. एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी के बाहर मृतक के परिजनों और समर्थकों का धरना भारी बारिश के बावजूद जारी है. मंगलवार को राजस्थान युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक अभिमन्यु पूनिया, कांग्रेस नेता अनिल चोपड़ा और निर्मल चौधरी धरना स्थल पर पहुंचे, जहां उनकी पुलिस अधिकारियों के साथ तीखी झड़प हो गई. इस घटना ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया, और अब पुलिस ने निर्मल चौधरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का फैसला किया है.

वायरल वीडियो में दिखा कि निर्मल चौधरी मालवीय नगर के एसपी आदित्य पूनिया से धरना स्थल पर टेंट लगाने की अनुमति को लेकर बहस कर रहे थे. यह बहस जल्द ही झड़प में बदल गई, जिसके बाद नेता और समर्थक सड़क पर धरने पर बैठ गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ा. पुलिस ने टेंट लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करने पर एफआईआर दर्ज होगी. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि निर्मल चौधरी का पुलिस के साथ अभद्र व्यवहार अस्वीकार्य है, और उनके खिलाफ राजकार्य में बाधा, रास्ता रोकने सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा.

कांग्रेस नेताओं का आरोप: पुलिस दबाव में काम कर रही

कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर अभद्र व्यवहार और धरना दबाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बारिश से बचाव के लिए टेंट लगाने की अनुमति नहीं दी जा रही, जो प्रदर्शनकारियों के लिए असहनीय है. विधायक अभिमन्यु पूनिया ने कहा कि सरकार के दबाव के बावजूद वे पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं और डॉ. राकेश बिश्नोई की मौत को एक सुनियोजित हत्या करार देते हुए इसके खिलाफ न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे.

डॉ. राकेश बिश्नोई की आत्महत्या और आरोप

जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर राकेश बिश्नोई (30) ने शुक्रवार को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद उन्हें जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन शनिवार रात उनकी मृत्यु हो गई. परिजनों और साथी डॉक्टरों ने वरिष्ठ डॉक्टर राजकुमार राठौड़ पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है. मृतक के सुसाइड नोट में वरिष्ठ डॉक्टर पर थीसिस को लेकर प्रताड़ना का जिक्र है. परिजन इसे आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या मान रहे हैं और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

डॉक्टरों में तनाव और कार्यस्थल की समस्याएं

जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (JARD) ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टरों को अत्यधिक वर्क प्रेशर और असुरक्षित कार्य वातावरण का सामना करना पड़ रहा है. इससे पहले भी एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दो अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा आत्महत्या के प्रयास के मामले सामने आ चुके हैं. JARD ने अस्पताल प्रशासन से बेहतर सुरक्षा और कार्य वातावरण की मांग की है.