शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश की दो सीटों पर हुए उपचुनावों के परिणामों से बीजेपी टेंशन में है। विजयपुर में मंत्री की हार तो बुधनी में गढ़ होने के बाद भी बमुश्किल हुई नजदीकी जीत से बीजेपी के दिग्गजों की शांति भंग हो गई है। वहीं इस उपचुनाव के रिजल्ट को देखकर केंद्रीय संगठन प्रदेश संगठन से नाराज है।
जीत से ज्यादा हार के चर्चे
उधर, कांग्रेस विजयपुर में जीत से ज्यादा बुधनी में हुई हार को लेकर उत्साहित है। कांग्रेस ने बीजेपी का गढ़ कहे जाने वाले बुधनी की लगभग हर पोलिंग बूथ से वोट बटोरे हैं। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के पैतृक गांव जैत में पहली बार मतों का सैकड़ा पार किया। साथ ही जीत का अंतर 87 फीसदी घटाया।
20 सालों में पहली बार बुधनी में भाजपा को मिला 43.82 फीसदी जनादेश
कांग्रेस ने विजयपुर की अपेक्षा बुधनी में कम जोर लगाया था। बीते 20 सालों में बुधनी विधानसभा चुनाव में पहली बार 43.82 फीसदी जनादेश प्राप्त किया। लिहाजा प्रदेश के बीते विधानसभा और लोकसभा चुनावी परिणामों के बाद लगातार हताश कांग्रेस को उपचुनावों ने संजीवनी देने का काम किया है। विजयपुर में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी वन मंत्री बतौर चुनाव लड़ने वाले रामनिवास रावत को 7 हजार 364 मतों से कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा ने हराया। बुधनी में सवा लाख जीत का अंतर रखने वाली बीजेपी मजह 13 हजार 901 मतों से जीती। बीजेपी से रमाकांत भार्गव को 1 लाख 07 हजार 478 वोट मिले तो कांग्रेस से राजकुमार पटेल ने 93,577 वोट हासिल किए।
आदिवासी वोटरों का विश्वास नहीं बीजेपी के साथ?
विजयपुर और बुधनी चुनावी परिणामों को लेकर अंदरूनी मंथन से यह भी साफ हुआ कि आदिवासी मतदाता का विश्वास बीजेपी के साथ नहीं है। आदिवासी मतदाताओं की बेरूखी को लेकर हुए मंथन में झारखंड विधानसभा चुनावी परिणाम भी शामिल है।
ऐसे झोंकी थी बीजेपी के दिग्गजों ने ताकत
बुधनी विधानसभा
– बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने एक दर्जन बैठक कीं, कार्यकर्ता सम्मेलन में भाग लिया।
– शिवराज सिंह चौहान ने 06 दिनों में 12 सभाएं की।
– शिवराज के बेटे कार्तिकेय ने चुनाव प्रचार की कमान संभाली।
– मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने 02 दिनों में चार सभाएं की।
विजयपुर विधानसभा
– बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने तीन बार आमद दर्ज कराई।
– मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने 10 सभाएं की।
– शिवराज सिंह चौहान ने सभा के साथ प्रचार किया।
– नरेंद्र सिंह तोमर ने सभाएं की, साथ ही 15 दिनों तक डटे रहे।
ओवर कॉन्फिडेंस के कारण ईवीएम सेट करना भूली बीजेपी- कांग्रेस
मामले को लेकर कांग्रेस दिग्गज और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि अब प्रदेश की जनता का बीजेपी से मोहभंग हो गया है। विजयपुर में मंत्री रहे रामनिवास रावत की हार सरकार की की हार है। दोनों ही सीटों पर बीजेपी और सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। तमाम सभाओं और षडयंत्रों के बाद भी बीजेपी जीत नहीं पाई। शिवराज के गांव में कांग्रेस को 47 फीसदी मत मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश के उप चुनावों में ओवर कॉन्फिडेंस के कारण बीजेपी ईवीएम सेट करना भूल गई। आने वाला समय कांग्रेस का है। जनता से मिले समर्थन ने कांग्रेस को बड़ी ताकत दी है।
मंथन कर मजबूती से वापसी करेंगे- बीजेपी
बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जनता का आशीर्वाद लगातार मिलता रहा है। विजयपुर कांग्रेस की परंपरागत सीट थी। यहां कांग्रेस ने हिंसा, आतंक, झूठ के आधार पर चुनाव लड़ा। बुधनी में कम हुए जीत के अंतर का मंथन करेंगे। बीजेपी हमेशा जनता के बीच रहने वाला राजनीतिक दल है। हम लोकतंत्र में जनादेश को स्वीकार करते हैं। बेहतर करने के लिए प्रयास करेंगे।
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