देश के अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में हुआ खुलासा. बिहार एटीएस को खुफिया विभाग ने सौंपी रिपोर्ट.
नई दिल्ली/पटना. बिहार में रह रहे करीब तीन दर्जन आतंकी देश को दहला सकते हैं. खुफिया विभाग ने चिह्नित इन 36 आतंकियों की सूची एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) को सौंपी है. इसको लेकर खुफिया विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. विभाग ने एटीएस को जिन आतंकियों की सूची सौंपी है, उनकी पहचान देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार आतंकियों ने की है. विभाग ने बताया कि गणेशोत्सव पर कानपुर के चकेरी थाना क्षेत्र के शिवनगर से गिरफ्तार हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुजमां वहां बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था.
खुफिया विभाग ने बिहार एटीएस को देश के अलग-अलग शहरों को दहलाने की साजिश रच रहे 36 ऐसे बिहारी आतंकियों की सूची भेजी है, जिसमें सभी आतंकी पटना के आसपास इलाके के हैं. माना जा रहा है कि ये आतंकी अपने आका के इशारे पर देश के किसी भी कोने में जाकर आतंक फैला सकते हैं. वहीं खुफिया विभाग ने सभी आतंकियों के नाम की लिस्ट भी जारी कर दी है.
यही नहीं, बिहार में भी त्योहार पर बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. यह भी बताया गया है कि घटना को अंजाम देने से पहले आतंकी खोमचे वाले जैसे रूप धारण कर स्थल की रेकी करते हैं. ये आने-जाने के लिए सार्वजनिक वाहन जैसे बस-ट्रेन आदि का उपयोग करते हैं. इसके लिए विभाग ने सीसीटीवी फुटेज पर निगरानी रखने और उनका गहन विश्लेषण की आवश्यकता जताई है.
खुफिया विभाग की ओर से जारी कुछ आतंकियों के नाम :
- शेखावत अली उर्फ मुन्ना भाई, पिता रहमतुल्ला फुलवारी शरीफ, पटना
- रियाजुल मुजाहिद उर्फ खुशरू भाई, पिता युसुफ मलिक, फुलवारी शरीफ, पटना
- जियाउद्दीन अंसारी उर्फ जलालुद्दीन अंसारी उर्फ जिया भाई, पिता नईम अंसारी, फुलवारी शरीफ
- सैयद साह हसीब रज्जा उर्फ हबीब रजा, पिता स्व. फिरदौस रजा, फुलवारी शरीफ, पटना
- मो. शकील, पिता अबु मोहम्मद, फुलवारी शरीफ, पटना
- मंजर परवेज, पिता अब्दुल क्यूम, फुलवारी शरीफ, पटना
- मो. जावेद, पिता एसएम अकील, दानापुर, पटना
- मो. अबरार आरिफ, अमीन मंजील, एक्जीविशन रोड पटना
- मो. इतसामुल हक, खगौल, पटना
मुस्लिम हैं सभी आतंकी
वहीं बिहार के एडीजी मुख्यालय एसके सिंघल ने इस बात पर ज्यादा कुछ न बोलते हुए कहा कि इस पर अभी कुछ भी बोलना मुनासिब नहीं है क्योंकि कई राज्यों की पुलिस इस पर काम कर रही है. इस पूर्व डीजीपी रामचन्द्र खान और पूर्व डीजीपी डीएन गौतम ने बिहार में आतंकी होने से इंकार न करते हुए बताया की कोई जरूरी नहीं है कि बिहारी ही आतंकी हो क्योंकि आतंकी घटना काफी पहले से हो रही है. अब तक गिरफ्तार किए गए सभी आतंकी मुस्लिम समुदाय के ही हैं. इसलिए इस पर एटीएस को विशेष रूप से धयान देने की जरूरत है. वर्ष 2014 में नेपाल सीमा से एनआईए की ओर से गिरफ्तार समस्तीपुर के कल्याणपुर प्रखंड के तहसीन अख्तर उर्फ मोनू उर्फ हसन उर्फ मेनन ने भी कई राज उगले हैं.
बिहार में अब तक की बड़ी आतंकी घटनाएं
रफीगंज ट्रेन हादसा
10 सितंबर, 2002 को रफीगंज में हावड़ा राजधानी एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई थी. इसमें 200 लोग मारे गए थे और 150 से अधिक घायल हुए थे. नदी में गिरी ट्रेन को पहले हादसा माना गया. बाद में जांच से साफ हुआ कि यह एक सोची-समझी आतंकी वारदात थी.
बोधगया धमाके
07 जुलाई, 2013 को बिहार में दूसरी आतंकी घटना हुई. तब महाबोधि मंदिर परिसर के चारों ओर आठ 0ब्लास्ट हुए. इस आतंकी घटना में दो बौद्ध समेत छह श्रद्धालुओं की मौत हुई और पांच लोग घायल हुए थे.
पटना बम ब्लास्ट
27 अक्तूबर, 2013 को पटना के गांधी मैदान में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की सभा में शृंखलाबद्ध विस्फोट हुआ. हुंकार रैली में गांधी मैदान में करीब चार लाख लोग जुटे थे. इस आतंकी घटना में छह लोगों की मौत हुई थी, जबकि 85 लोग घायल हुए थे.
आरा कचहरी
23 जनवरी 2015 को आरा कचहरी परिसर में भी आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में किए गए विस्फोट से दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि सात अन्य घायल हुए थे.