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पुरुषोत्तम पात्रा,गरियाबंद. भारत बंद के दौरान देवभोग के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहा है. आज देवभोग में वह हुआ जो पिछले सवा सौ सालों में एक बार ही हुआ था. आज देवभोग का सवा सौ साल पुराना साप्ताहिक बाजार दूसरी बार बन्द रहा. वह भी आरक्षण के विरोध में बंद रखा गया.
दो लाख की आबादी वाले देवभोग में मंगलवार को लगने वाला साप्ताहिक बाजार पूरी तरह बन्द रहा. यह बन्द आरक्षण कि विरोध किये गये भारत बंद के समर्थन में किया गया था. क्षेत्रीयजनों की माने तो लगभग 125 साल पुराना यह बाजार इमरजेंसी के समय 60 के दशक में ही बंद हुआ था. उसके बाद आज यह बाजार दूसरी बार बंद हुआ है. ज्यादातर दुकान स्वस्फूर्त बंद होने के कारण बंद को शांतिपूर्ण बंद बताया जा रहा. हालाकि शांति व्यवस्था के लिये प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद रहा.
बता दे कि भारत बंद को मंगलवार को देवभोग में पूर्ण समर्थन मिला. सुबह से ही नगर के 80 फ़ीसदी प्रतिष्ठान बंद थे. समर्थकों ने सुबह एकत्र होकर बंद के लिये लोगों से समर्थन मांगा. जिसके बाद सभी प्रतिष्ठानों ने खुद ही भारत बंद के समर्थन में अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया. बंद को सफल बनाने सयुक्त रूप से जनरल ओबीसी वर्ग के लोग भी सामने आए. समर्थको ने एसटी/एससी एक्ट में संसोधन के लिये न्यायाधीश दीपक मिश्रा के समर्थन में नारे लगाए. इसके अलावा समर्थक चौक चौराहों पर आतिशबाजी करते हुए पीएम मोदी व रमन सरकार जिंदाबाद के नारे लगाते भी दिखे.