मुंबई. बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर Prem Chopra आज अपना 86वां जन्मदिन मना रहे हैं. उनका जन्म ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में लाहौर में 23 सितंबर 1935 को हुआ था, जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है. देश के विभाजन के बाद Prem Chopra का परिवार शिमला आ गया और यहीं से उन्होंने अपनी स्कूलिंग पूरी की.
Prem Chopra के पिता चाहते थे कि प्रेम चोपड़ा डॉक्टर या आईएएस ऑफिसर बने. उन्हें कॉलेज के दिनों से एक्टिंग का शौक लगा. पिता के रजामंदी के बिना ग्रेजुएशन किए वे मुंबई आ गए.
Prem Chopra मुंबई आने के बाद कोलाबा में एक गेस्ट हाउस में रहे. वह अपने पोर्टफोलियो को लेकर फिल्म स्टूडियोज के चक्कर काटने लग गए थे. लेकिन कहीं से अच्छा रिस्पांस नहीं मिल रहा था. अपना पेट पालने के लिए उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया में सर्कुलेशन ऑफिसर का काम किया.
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जिसमें Prem Chopra महीने में 20 दिन वह बंगाल, उड़ीसा और बिहार में सर्कुलेशन का काम देखते थे. वह अपना टाइम बचाने के लिए एजेंट को स्टेशन पर ही बुलाते थे, जिससे उनसे काम की बातें कर तुरंत वापसी कर सकें. इस तरह वह 20 दिन का काम 12 दिन में कर लेते थे. बाकि बचा हुआ टाइम वह फिल्म स्टूडियोज के चक्कर काटने में लगाते थे.
बता दें कि एक दिन एक ट्रेन में ट्रैवलिंग के दौरान एक अजनबी ने उन्हें रोका और पूछा कि क्या उन्हें फिल्मों में काम करने में इंटरेस्ट है. प्रेम ने तुरंत उसकी बात पर सहमति जताई. वो सख्श उन्हें रंजीत स्टूडियो लेकर गया, जहां ‘चौधरी करनैल सिंह’ के प्रोड्यूसर हीरो की तलाश में थे. प्रोड्यूसर जगजीत सेठी ने उन्हें पंजाबी फिल्म ‘चौधरी करनैल सिंह’ में एक हीरो के रूप में एक ब्रेक दिया.
Prem Chopra की पहली फिल्म एक हिंदू-मुस्लिम रिश्ते पर आधारित लव स्टोरी थी, जो भारत-पाकिस्तान विभाजन की पृष्ठभूमि पर आधारित थी. यह एक बड़ी हिट साबित हुई. फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ फिल्म की श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता. इस फिल्म के लिए उन्हें 2500 रुपए की फीस दी गई थी.
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फिल्मों में काम करने के बावजूद Prem Chopra प्रेम टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ काम करते रहे. इस दौरान उन्होंने ‘वो कौन थी?’, ‘शहीद’, ‘मैं शादी करने चला’ और ‘तीसरी मंजिल’ जैस बड़ी फिल्मों में भी काम किया. 1960 के दशक की शुरुआत में उन्हें लगता था कि फिल्मों में एक्टिंग करना फुल टाइम जॉब नहीं है. अपने एक्टिंग के जुनून की वजह से वह फिल्मों में काम करते रहे.
उन्होंने 1966 के बाद अखबार से संबंध खत्म कर लिया. अपनी शुरुआती फिल्म ‘शहीद’ में सुखदेव की भूमिका निभाई, जो उनकी दुर्लभ सकारात्मक प्रमुख भूमिकाओं में से एक थी. ‘मैं शादी करने चला की शूटिंग के दौरान किसी ने उन्हें खलनायक बनने का सुझाव दिया. ‘तीसरी मंजिल’ और ‘उपकार’ के बाद, वह फिल्मों में विलेन के रूप में स्थापित हो गए. Prem Chopra ने अपने 60 साल के फिल्मी करियर में कुल 360 फिल्मों की. इनमें हिंदी और पंजाबी फिल्में शामिल हैं.
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