चंडीगढ़। पंजाब में भाजपा पहली बार बड़े भाई की भूमिका में चुनाव लड़ने जा रही है, यह तय है. कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा की पार्टी भाजपा के साथ मिलकर राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ेगी, यह भी तय है लेकिन गठबंधन के दलों के बीच अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. सूत्रों की मानें तो तो तीनों दलों के बीच अभी भी कई सीटों को लेकर पेंच फंसा हुआ है. सोमवार को दिल्ली के भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में पंजाब के राजनीतिक हालात और संभावित उम्मीदवारों के नामों पर विस्तार से चर्चा की गई. चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, चुनाव सह प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, भाजपा राष्ट्रीय महासचिव एवं पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम, पंजाब प्रदेश अध्यक्ष और पंजाब भाजपा कोर कमेटी के अन्य नेताओं के साथ हुई बैठक में गठबंधन की सीटों को लेकर भी चर्चा की गई.

 

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बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए पंजाब के प्रभारी दुष्यंत गौतम ने बताया कि बैठक में सभी सीटों पर चर्चा हुई। कुछ सीटों पर हम लड़ेंगे और कुछ पर हमारे सहयोगी लड़ेंगे. सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है और अभी रास्ता निकलना है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ दिया कि चुनाव की तारीख बढ़ गई है, इसलिए गठबंधन के बीच सीटों को फाइनल करने की हमारी तारीख भी बढ़ गई है. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए चुनाव सह प्रभारी मीनाक्षी लेखी ने भी गठबंधन और उम्मीदवारों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा में इसकी एक प्रक्रिया होती है और तय होने के बाद मीडिया को सब जानकारी दी जाएगी.

 

कुछ सीटों पर फंसा पेंच

आपको बता दें कि पंजाब चुनाव से जुड़े भाजपा के एक दिग्गज नेता ने 11 जनवरी को यह दावा किया था कि भाजपा राज्य की 117 सीटों में से 80 पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और बची हुई सीटों को वह अपने दोनों सहयोगी दलों पंजाब लोक कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ( संयुक्त) को देगी, लेकिन अब यह बताया जा रहा है कि गठबंधन दलों के बीच कुछ सीटों को लेकर पेंच फंस गया है, ऐसे में बीच का रास्ता निकालने की कवायद अभी जारी है. भाजपा के एक नेता ने बताया कि गठबंधन काफी मजबूती से पंजाब में चुनाव लड़ेगा और जरूरत पड़ी तो भाजपा जिन 80 सीटों पर तैयारी कर रही है, उनमें से भी कुछ सीटों को वो सहयोगी दलों को दे सकती है. आपको बता दें कि पंजाब के सभी दलों के अनुरोध को मानते हुए चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव की तारीख को आगे बढ़ा दिया है. अब पंजाब में 14 फरवरी की बजाय 20 फरवरी को चुनाव होगा.