रायपुर. एक के बाद एक शिक्षाकर्मियों के सामने नई मुसीबतें खड़ी होती जा रही है. कभी शिक्षाकर्मी नौकरी से बर्खास्त किये जाते है, तो कभी उन्हें कई महिनों तक वेतन नहीं दिया जाता है. अब सरकार की ओर से एक और नया फरमान जारी कर दिया गया है जिसके बाद अब शिक्षाकर्मी अपनी परेशानियों से उच्च अधिकारियों को भी अवगत नहीं करा सकेंगे.

पंचायत विभाग द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि शिक्षाकर्मी व्यक्तिगत कार्यों के लिए बार बाद चक्कर न काटे. यदि उनका संचालनालय आना इतना ही आवश्यक है तो उसके लिए शिक्षाकर्मियों को पहले से संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी. इसके बाद ही वे संचालनालय में प्रवेश कर सकेंगे.

य​ह आदेश पंचायत विभाग के संचालक तारण प्रकाश सिन्हा की ओर से जारी किया गया है. आदेश में कहा गया है कि शिक्षाकर्मियों को यदि संचालनालय अाना है तो वे जिला या जनपद पंचायत की अनुमति लेकर ही अा सकते हैं.

8 मार्च को यह अादेश जारी किया है. सिन्हा ने प्रदेश के सभी जिला पंचायत,तथा जनपद सीईअो को भेजे पत्र में कहा है कि- देखा जा रहा है कि पंचायत संवर्ग के शिक्षाकर्मी अपने व्यक्तिगत कार्यों या मांगों को लेकर संचालनालय में नजर अाते हैं. इसकी वजह से संबंधित शाला की पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है. संचालनालय का काम भी प्रभावित होता है.

संचालक ने साफ किया है कि शिक्षाकर्मियों की मांगों पर उनके संगठन के माध्यम से बात होती है. मांगों का निराकरण शासन स्तर पर किया जाता है. एेसे में शिक्षाकर्मियों का संचालनालय में उपस्थित होना उचित नहीं बल्कि अनुशासनहीनता  है. आदेश में यह भी कहा है कि शिक्षाकर्मी अपने व्यक्तिगत कामों के लिए संचालनालय न अाएं. यदि अाना अावश्यक हो तो सक्षम अधिकारी से अनुमति लेकर ही अाएं.