रायपुर. इन दिनों पेट्रोल डीजल की कीमतों में काफी उतार चढ़ाव हो रहा है. जिसको लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ चरणदास महंत ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अन्य राज्य जैसे पं. बंगाल, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडि़शा से महंगी हो चुकी हैं. यहाँ पेट्रोलियम पदार्थों में 25 फीसदी वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) अब लोगों की जेब पर और भारी पड़ रहा है। जिसकी वजह से यहाँ डीजल प्रति लीटर 72. 75 और पेट्रोल प्रति लीटर 75. 97 रुपए प्रति लीटर कीमत पर पहुंच चुका है.
बीते सात महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने के बजाय और बढ़ीं है। इन महीनों में पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतें मामूली कम हुई, लेकिन बढ़ोत्तरी ज्यादा है जिसका असर सीधे लोगों की जेब पर पड़ रहा है। डीजल में बढ़ोतरी से परिवहन की लागत की कीमत आम लोगों से वसूली जा रही है, जिसका असर एफएमसीजी सेक्टर में दिखाई दे रहा है।
महंत ने कहा कि डीजल की कीमतों में एक महीने के भीतर जहां 2.78 रुपए की वृद्धि हुई है, वहीं पेट्रोल में 2 रुपए की वृद्धि हुई है। ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का भी कहना है कि पड़ोसी राज्य पं.बंगाल, झारखंड, ओडि़शा और महाराष्ट्र में पेट्रोलियम पदार्थों में वैट 25 फीसदी से कम है। इसलिए राज्य में पेट्रोलियम पदार्थ में महँगाई का सामना करना पड़ा रहा है।
यही नहीं रायपुर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अभय भंसाली ने कहा है कि पड़ोसी राज्यों की तुलना में पेट्रोलियम पदार्थों में 25 फीसदी वैट होने की वजह से यहाँ पेट्रोल-डीजल महँगा पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तय होती हैं, लेकिन वैट का असर कीमतों पर पड़ता है। राजधानी रायपुर में अक्टूबर 2017 से लेकर अप्रैल तक डीजल कीमतों में वृद्धि पर गौर करें तो डीजल की कीमतों में कमी होने के बजाय बढ़ोतरी हुई है। अब तक डीजल में 9.71 रुपए की वृद्धि हो चुकी है, वहीं पेट्रोल की कीमतों पर गौर करें तो बीते 7 महीने में 5.73 रुपए की वृद्धि हो चुकी है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में पड़ोसी राज्य की राजधानी भोपाल की कीमतों पर गौर करें तो यहां डीजल प्रति लीटर 68.76 रुपए है।
चरणदास महंत ने सरकार से पूछा है कि पेट्रोल-डीजल में महंगाई का असर ट्रांसपोर्टर्स अपनी जेब से क्यों भरेगा? इसका असर आम ग्राहकों को महंगाई के रूप में करना पड़ रहा है। परिवहन लागत में पेट्रोल-डीजल में महंगाई का असर हो रहा है। पेट्रोल-डीजल में 25 फीसदी वैट है। यह जीएसटी में शामिल नहीं है इसलिए पेट्रोल-डीजल में टैक्स लेने का अधिकार राज्य सरकार के पास सुरक्षित है लेकिन जब देश में तमाम चीजें जीएसटी के अंतर्गत आती हैं तो पेट्रोलियम पदार्थ इससे अलग क्यों हैं?
महंत ने कहा कि वैसे भी अब जनता भाजपा सरकार के असली चेहरे को पहचान चुकी है लेकिन “मैं यह वादा करता हूँ कि जैसे ही छत्तीसगढ़ में पूर्ण बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनती है तो सबसे पहले पेट्रोलियम पदार्थों के दामों पर कटौती की जाएगी ताकि आम जनता को सीधे फायदा पहुंचाया जा सके”।