रायपुर- राज्य सरकार ने अपने हालिया तबादले में आईएएस अधिकारी शिव अनंत तायल को बलरामपुर-रामानुजगंज सीईओ की जिम्मेदारी सौंपी है, तायल की ज्वाइनिंग के पहले ही विरोध शुरू हो गया. विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि स्थानीय बीजेपी नेताओं ने किया है. दरअसल नाराजगी की वजह शिव अनंत तायल का दिया वह बयान है, जिसमें उन्होंने बीजेपी के पुरोधा कहे जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर टिप्पणी की थी. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में बीजेपी के जिलाध्यक्ष शिवनाथ यादव के नेतृत्व में तमाम निर्वाचित जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह मुलाकात कर तायल की नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है.
सीएम से मुलाकात के बाद जिलाध्यक्ष शिवनाथ यादव ने लल्लूराम डाॅट काम से कहा कि शिव अनंत तायल को जिला पंचायत सीईओ बनाए जाने का हर स्तर पर विरोध है. जिला पंचायत से लेकर बीजेपी पदाधिकारियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. उन्होंने कहा कि जिस आईएएस अधिकारी ने दीनदयाल उपाध्याय पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, ऐसे अधिकारियों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
बीजेपी संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बतौर जिला पंचायत सीईओ काम कर रहे विकास तोपनो की नियुक्ति महज दो महीने पहले ही हुई थी. दो महीने में ही उनका तबादला होना भी कई सवाल खड़े करता है. आरोप यह भी लगाया गया है कि राजनीतिक षडयंत्र की वजह से तोपनो को नई पदस्थापना दी गई. कहा जा रहा है कि जिला पंचायत सीईओ रहते हुए अमृत विकास तोपनो भ्रष्ट तंत्र की सफाई अभियान में जुटे थे. कई प्रभावशाली इससे मुसीबत में आ गए थे. मुख्यमंत्री से मुलाकात करने वाले बीजेपी संगठन के तमाम पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस दलील के साथ शिव अनंत तायल की नियुक्ति रद्द कर विकास तोपनो को यथावत रखने की मांग की. बताया जा रहा है कि इस मांग पर मुख्यमंत्री ने जल्द निर्णय़ लेने का आश्वासन दिया है.
हालांकि बीजेपी नेताओं के विरोध के बीच यह बताना लाजिमी है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय पर फेसबुक पर की गई टिप्पणी के बाद राज्य सरकार ने शिव अनंत तायल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. तायल ने सरकार को दिए अपने जवाब में खेद प्रकट किया था.