नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में बुधवार को अतिक्रमण विरोधी अभियान चला, जिसकी जद में कई दुकानें आ गईं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद करीब एक घंटे तक बुलडोजर का पंजा चलता रहा. इस दौरान एक जूस विक्रेता और पान दुकानदार अधिकारियों के आगे मिन्नतें करते रहे, लेकिन बुलडोजर के आगे उसकी एक न चली. जहांगीरपुरी के कुशल चौक पर इसी इलाके के निवासी गणेश गुप्ता की जूस की दुकान पर भी बुधवार को उत्तरी दिल्ली नगर निगम का बुलडोजर चला. अधिकारियों की मानें तो दुकान तोड़कर अतिक्रमण हटाया गया है, लेकिन दुकान मालिक ने दावा किया कि उसे 1977 में दुकान आवंटित हुई थी, अब बिना नोटिस के ही इसे तोड़ दिया गया.

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पीड़ित ने दुकान के अलॉटमेंट के कागजात होने का किया दावा

गणेश गुप्ता को जब दोपहर में यह पता लगा कि उसकी दुकान पर भी बुलडोजर चलने वाला है, तो वह अपने सभी दस्तावेज लेकर दुकान के बाहर आकर अधिकारियों के आगे मिन्नतें करने लगा कि एक बार दस्तावेज देख लो, लेकिन बुलडोजर के आगे उसकी आवाज धीमी पड़ गई. गणेश गुप्ता ने मीडिया के आगे अपनी बात रखी. उसने कहा कि 1977 से ही मेरी दुकान को डीडीए से अलॉटमेंट मिली हुई है, मेरे पास सभी कागज भी हैं. इस दुकान का हर साल 4800 रुपए किराया देता हूं. मैंने इन अधिकारियों को सबकुछ बताने की कोशिश की, लेकिन किसी ने एक न सुनी. सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के एक घंटा बाद भी तोड़फोड़ नहीं रुकी.

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कई लोगों की दुकानों पर भी चला बुलडोजर

गणेश अपनी इस बात को कई बार दोहराता रहा, लेकिन निगम के अधिकारियों और पुलिस-प्रशासन के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने हर बार उसे नजरअंदाज कर दिया और उसकी दुकान पर बुलडोजर चलवाते रहे. गणेश अकेला ऐसा व्यक्ति नहीं था, जो बुलडोजर के आगे आकर अपनी दुकान को बचाने में लगा हो. इसी तरह पान दुकादार रमण झा ने भी निगम पर आरोप लगाया कि उसे कार्रवाई से पहले कोई सूचना नहीं दी गई. उसने पुलिसकर्मियों से पूछा भी था कि क्या वह अपनी दुकान हटा ले ? लेकिन हर किसी ने उसे आश्वासन दिया कि ‘तुम्हारी पान की दुकान को कुछ नहीं होगा. सुबह करीब 10 बजे सबसे पहला बुलडोजर रमण की पान की दुकान पर ही चला. उसने रोते हुए कहा कि मैं जहांगीरपुरी में अपनी पान की दुकान 1985 से ही चला रहा हूं. मेरे पास परिवार का गुजारा चलाने के लिए एक ही सहारा था, जो छीन लिया गया. निगम प्रशासन की इस कार्रवाई पर हालांकि कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है.

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