पंजाब में 31 मई तक नशे को खत्म करने के लिए पुलिस ऐक्शन मोड में है। समय सीमा तय करने के बाद डीजीपी गौरव यादव ने सभी जिलों के एसएसपी और सीपी की बैठक बुलाई। बैठक के बाद डीजीपी ने कहा कि हमने वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर SHO और DSP स्तर के अधिकारियों तक सभी की जिम्मेदारी तय कर दी है।

जिला स्तर पर योजना तैयार की गई है। 31 मई के बाद पूरी मुहिम की समीक्षा की जाएगी। इस दौरान, जिन पुलिस कर्मियों का काम अच्छा होगा, उन्हें सम्मानित किया जाएगा, जबकि अन्य के खिलाफ कार्रवाई होगी। साथ ही, जेलों की भी निगरानी की जाएगी।



नशे के खिलाफ हमारी जंग काफी हद तक सफल रही- DGP

डीजीपी ने कहा कि पंजाब में नशीले पदार्थों की तस्करी मुख्य रूप से सीमा पार से ड्रोन के जरिए होती है। नशे के खिलाफ हमारी जंग काफी हद तक सफल रही है। हमने सप्लाई चेन को तोड़ने की कोशिश की है। साथ ही, अपराधियों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 755 हॉटस्पॉट्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।


ऐक्शन मोड में सरकार

आम आदमी पार्टी 2027 की विधानसभा चुनावों के लिए नशे को खत्म करके और लोगों का विश्वास जीतकर खुद को मजबूत करने की कोशिश कर रही है। पार्टी 2022 में नशा खत्म करने के वादे के साथ सत्ता में आई थी, लेकिन तीन साल बाद भी इस दिशा में कोई खास प्रगति नहीं हुई। दिल्ली चुनावों में हार के बाद सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। इस मुहिम को पूरी रणनीति के साथ शुरू किया गया है। मुहिम को सही ढंग से चलाने के लिए पांच मंत्रियों की एक उच्चाधिकार समिति बनाई गई है।

यह मुहिम राज्य में चल रही “नशे के खिलाफ जंग” के तहत 59 दिनों से चल रही है। पुलिस टीमों ने 1 मार्च 2025 से अब तक NDPS एक्ट के तहत 4659 FIR दर्ज की हैं और 1877 बड़े तस्करों सहित 7414 नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 297 किलो हेरोइन, 100 क्विंटल भुक्की, 153 किलो अफीम, 95 किलो गांजा, 21.77 लाख गोलियां/कैप्सूल और 8.03 करोड़ रुपये की ड्रग मनी बरामद की गई है। करीब 70 तस्करों के घरों पर बुलडोजर चलाए गए हैं और 31 हवाला संचालकों को गिरफ्तार किया गया है।