हेमंत शर्मा, इंदौर। कोर्ट का फर्जी आदेश बनाकर संतोष वर्मा द्वारा आईएएस का प्रमोशन लेने के मामले में पुलिस की जांच तेज हो गई है। पुलिस ने न्यायालय का फर्जी आदेश बनाने के सिलसिले में जिला अभियोजन अधिकारी अकरम शेख से पूछताछ की।

अकरम शेख से पहले सेंटर कोतवाली थाने पर सीएसपी ने पूछताछ की और फिर वहीं से एमजी रोड टीआई डीवीएस नागर उन्हें लेकर एमजी रोड थाने पहुंचे। जहां एसपी आशुतोष बागरी एएसपी जयवीर सिंह भदौरिया ने भी उनसे पूछताछ की।

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हालांकि चार-पांच घंटे चली लंबी पूछताछ के बाद अभी अकरम शेख को छोड़ दिया गया, लेकिन उन्हें फिर बुलाया जा सकता है। एसपी बागरी के अनुसार मामले में जांच जारी है जिसमें पुलिस आगे की लिंक तलाश रही है।

ये है मामला

आपको बता दें राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर रहे संतोष वर्मा के खिलाफ साल 2016 में एक महिला की शिकायत पर इंदौर के लसुड़िया थाने में शादी का झांसा देकर ज्यादती करने का मामला दर्ज किया गया था। चूंकि संतोष वर्मा को राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशानिक सेवा यानी आईएएस (IAS) के पद पर पदोन्नत किया जा रहा था। तब लोक सेवा आयोग ने इनके खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण और कोर्ट में लंबित मामलों की जानकारी मांगी थी। लेकिन इन्होंने बरी होने का कोर्ट का झूठा आदेश पेश कर आईएएस (IAS) पद पर पदोन्नती ले ली।

यूपीएससी द्वारा जब इन दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए इंदौर पुलिस को भेजा गया। तब यूपीएससी को प्रस्तुत किया गया कोर्ट का आदेश फर्जी निकला। इस आदेश पर विशेष न्यायाधीश विजेन्द्र सिंह रावत के हस्ताक्षर थे। मामले का खुलासा होने के बाद विशेष न्यायाधीश ने धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार कराने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी। मामले में एमजी रोड पुलिस ने 10 और 11 जुलाई की दरमियानी रात को नगरीय प्रशासन विभाग में अपर आयुक्त के पद पर पदस्थ IAS अधिकारी संतोष वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था।

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