जबलपुर, कुमार इंदर। सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर को आईपीएस अवार्ड का लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? केंद्रीय न्यायिक अधिकरण ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी भी की है कि क्यों ना समय पर विशेष कैडर रिव्यू ना होने पर कैट द्वारा एक स्पेशल कैडर रिव्यू आर्डर जारी कर दिया जाए।
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मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे और अक्षय खंडेलवाल ने बताया कि, मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर एसोसिएशन की तरफ से इंदौर में तैनात साइबर क्राइम के एसपी जितेन सिंह ने कैट में एक याचिका लगाई है। इसके माध्यम से यह कहा गया है कि समय पर विशेष कैडर रिव्यू किया जाए। इसी की सुनवाई करते हुए कैट ने केंद्र सरकार से और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को तय की गई है।
क्या है पूरा मामला
वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे ने कैट में जिरह करते हुए बताया की मध्य प्रदेश स्टेट पुलिस ऑफिसर के ऐसे 200 से ज्यादा ऑफिसर है जिन्हें समय पर कैडर रिव्यू न होने के चलते प्रमोशन या आईपीएस अवार्ड नहीं मिल पा रहा है। इसी को लेकर कैट में एक याचिका लगाई गई है। याचिका में यह बताया गया है कि इस विषय में मध्य प्रदेश सरकार की ओर से पीएचक्यू के माध्यम से सेंट्रल गवर्नमेंट को कई बार लेटर भी भेजा गया। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से कोई जवाब अब तक नहीं मिला है। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि इस पूरे मामले में केंद्र सरकार का उदासीन रवैया सामने आया है।
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क्या कहता है कैडर रिव्यू का नियम
दरअसल स्टेट पुलिस ऑफिसर जो पीएसी के जरिए डीएसपी लेवल पर भर्ती होते हैं। जिसमें से ज्यादातर ऑफिसर आईपीएस कैडर अवार्ड न मिलने की वजह से एडिशनल एसपी बनकर ही रिटायर हो जाते हैं। जबकि स्टेट पुलिस अधिकारियों को हर 8 साल में आईपीएस कैडर अवार्ड देना होता है। लेकिन 2008 से 2022 के बीच में समय पर कैडर रिव्यू नहीं होने के चलते 200 से ज्यादा अफसर को आईपीएस कैडर अवार्ड नहीं मिल पाया है।
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क्या कहता है नियम
स्टेट पुलिस संगठन का नियम यह कहता है कि हर 5 साल में कैडर रिव्यू होना चाहिए। यह कैडर रिव्यू राज्य सरकार और केंद्र सरकार के आपसी समन्वय से होता है। इसमें राज्य सरकार के पुलिस अधिकारियों को आईपीएस केडर अवार्ड दिया जाता है। राज्य सरकार केंद्र सरकार को अपने योग्य अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड दिलाने के लिए अनुशंसा करती है। जिसमें स्टेट पुलिस ऑफिसर के रूप में 8 साल सर्विस पूरी कर चुके अधिकारियों को आईपीएस कैडर दिया जाता है।
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