रायपुर। अगर आप IAS हैं या उनके परिवार से हैं तो यकीन मानिए कि छत्तीसगढ़ में आप को ना कोई रोकेगा और ना ही टोकेगा, आप को नियमों का पालन करने की भी कोई जरूरत नहीं है. आप हर नियम तोड़ सकते हैं. वैसे भी नियम तो आम लोगों के लिए बनाए जाते हैं.
दरअसल राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में राज्य के एक ताकतवर IAS ने अपनी बेटी औऱ दामाद के लिए दो कमरे बुक कराए थे. सर्किट हाउस में IAS के रिश्तेदारों के लिए रूम नंबर 411 और 412 अलाॅट किया गया था. कमरा तो था IAS के रिश्तेदारों के लिए, लेकिन उनके साथ लाया कुत्ता भी किसी वीआईपी से कम रौबदार नहीं था. सर्किट हाउस के भीतर इंडियन काॅफी हाउस आने वाले लोगों की नजर भी कुत्ते के रौब पर रह-रहकर ठहर जाती रही.
IAS की बेटी बेरोक-टोक कुत्ते को घुमाती नजर आई. लल्लूराम डाॅट काम को इंडियन काफी हाउस आने वाले एक बुद्धिजीवी ने यह चंद तस्वीरें मुहैया कराई हैं. तस्वीरों की पुष्टि सर्किट हाउस के कर्मचारियों ने भी की है. नाम ना छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने कहा कि मामला चूंकि एक प्रभावशाली अधिकारी से जुड़ा था, लिहाजा हम भी इस विषय में खुलकर विरोध दर्ज नहीं करा पाए. यह हमारे लिए भी असहज स्थिति थी कि यहां रूकने वाले गेस्ट कुत्ते को कमरे में अपने साथ रख रहे हैं. कर्मचारी ने बताया कि जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, आला अधिकारियों को सूचना दे दी गई थी.
न्यू सर्किट हाउस में आने वाले शहर के एक बड़े बुद्धिजीवी ने लल्लूराम डाॅट काम से कहा कि- जहां आम आदमी को पूरा पैसा देने के बाद भी कमरा नसीब नहीं होता, वहां वीआईपी के कुत्ते ने सवाल खड़ा कर दिया है कि सरकार में आम आदमी से ज्यादा प्रभाव एक कुत्ते का हो गया है.
न्यू सर्किट हाउस लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है. सबसे बड़ी बात तो यह है कि सर्किट हाउस में कौन रुक रहा है या कौन नहीं, अधिकारियों को यह भी मालूम नहीं है, हालांकि मालूम कैसे चलेगा जब बात IAS के परिवार की. हालांकि इधर पीडब्ल्यूडी विभाग के ईएनसी डी के प्रधान से जब लल्लूराम डाॅट काम ने पूछा कि क्या कुत्तों को कमरे में रखने का प्रावधान है, तो उन्होंने जवाब दिया कि कुत्ते ही नहीं किसी भी जानवर को सर्किट हाउस में लाने की अनुमति नहीं है.