बिलासपुर. नगर पालिक निगम के कार्यों की स्थानीय मंत्री द्वारा की गई समीक्षा के बाद कांग्रेस प्रवक्ता शैलेष पांडे ने एक बार फिर मंत्री पर कुप्रबंधन तथा फेल होने के आरोप लगाया है. शैलेष पांडे ने कहा किअमर अग्रवाल न केवल विधायक रहे बल्कि मंत्री भी रहे हैं.

सिर्फ एक बार जब वे विधायक थे तो सरकार कांग्रेस की थी. उन्होंने कहा कि मंत्री के कार्यकाल में उनके कामों में शहर की जनता ने कुप्रबंधन और असफलता देखी है. नगर निगम बिलासपुर के काम कुप्रबंधन का शिकार है तथा आपदा प्रबंधन पुरी तरीके से फेल है.

मंत्री  को प्लान ए, प्लान बी और आपदा प्लान बनाने की आदत हो गई है. सत्ता में आते ही उन्होंने पेयजल व्यवस्था के लिए भुमिगत जल का दोहन अविवेक पुर्ण तरीके से कराया है. शैलेष ने कहा कि प्लान बी उन्होने पीएचई को करोड़ो की लागत की जल आवर्धन योजना सौंपी. इस योजना का लोकापर्ण वे  वर्ष 2013 में प्रदेश की मुखिया से करा चुके हैं.

आपातकालिन प्लान शहर को पेयजल खुंटाघाट डेम से मिलेगा. जल आवर्धन योजना का लोकार्पण वर्ष 2013 में हो चुके हैं. किन्तु आज तक निगम इसे पीएचई से हैंडओवर लेने में डरता है. पांडने कहा कि  उसके बाद भी कल की समिक्षा बैठक में निगम को मंत्री ने 3.89 करोड़ रुपये इस असफल काम को अपने सिर रखने के लिए दिए.

यदि निगम की योजनाएं मंत्री के नेतृत्व सफल है तो कल की समिक्षा बैठक में निगम के अभियंताओ को फटकारने की क्या जरूरत है. मंत्री  ने शहर के 75 प्रतिशत कार्यों के पुर्ण होने की घोषण की, शेष के लिए डेड लाइन बता दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि असल में डेड लाइन तो उनके नेतृत्व की आ गई है जो जनता ने तय कर दी है. लालखदान का ओवरब्रिज जो सात साल में नही पुरा हुआ तो अक्टूबर तक कैसे बन जाएगा. अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम बहतराई का भ्रष्टाचार सब जानते हैं. यदि यह सुविधा पुर्ण हैं तो 13 करोड़ रुपये की लागत से एक अन्य स्टेडियम की क्या जरूरत है. शैलेष ने मंत्री पर हमला करते हुए कहा कि मंत्री  को बहतराई के एस्ट्रोटर्फ (हाॅकी) के टेंडर को एक बार देखना चाहिए,उसमें इसे प्रैक्टिस के लिए कहीं नही लिखा है और वे कहते हैं कि यह टर्फ सिर्फ प्रशिक्षण के लिए है.

कोनी-रतनपुर फोरलाइन दो माह में पुरी हो जाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि शहर की पेयजल व्यवस्था नागरिकों को पीने का पानी नहीं बीमारी परोसने वाली पाईप लाइन बन गई है. करोड़ों रुपये का पाईप क्रय करने के बाद भी अब शहर के भीतर 663 किमी पाईप लाइन बदली जाएगी और 561 मोटर पंप और खरीदे जाएगें.

इससे यह पता चलता है कि शहर के नेतृत्व के संरक्षण में कुप्रबंधन का बोलबाला है. शैलेष पांडे ने कहा कि अमरअग्रवाल को अपना ही कहा वह वकतव्य याद करना चाहिए जब 2003 में उन्होंने एक पत्रकार वार्ता में कहा था कि (बिलासपुर शहर का आकार एक कटोरे की शक्ल का है और यहां पानी निकासी सहज नहीं है) जब उन्हें यह पता था तो शहर की पानी निकासी सहज नहीं है तो क्यों उन्होंने योजनाओं का उचित मूल्यांकन नहीं किया है.