शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने चुनावी तैयारियों के बीच सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संविदा कर्मचारी वेतन वृद्धि की मांग को लेकर आज मैदान पर उतरे। आज दोपहर डेढ़ बजे संविदा कर्मचारियों ने राज्य शिक्षा केन्द्र पुस्तक भवन के सामने संविदा नीति की प्रतियां जलाकर विरोध जताया।

कर्मचारियों ने 5 जून 2018 बनाई गई नीति को लागू करने की मांग की है। संविदा कर्मचारियों ने 1 जून 2018 की बनाई गई नीति की प्रतियां जलाई। वेतन वृद्धि की फाइल वित्त विभाग में 1 साल से पेडिंग होने का दावा किया। कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया कि संविदा नीति बने हुए तीन साल से ज्यादा हो गये हैं। उसका पालन अभी तक नहीं हुआ। कर्मचारियों ने कहा कि ऐसी नीति किस काम की जिस पर अमल ना हो।

कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन पर सत्ता और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाया है, वहीं बीजेपी प्रदेश महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस को सवाल उठाने से पहले अपनी गिरेबान में झांकना चाहिए। पहले कांग्रेस ये बताए कि 15 महीने की सरकार में संविदा कर्मचारियों के लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि 2 हजार पर संविदा कर्मचारियों को कांग्रेस सरकार ने रखा था। हमने संविदा कर्मचारियों को लेकर नीति बनाई  है। सरकार और अधिकारी बैठकर आगे भी संविदा कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेंगे।

बीजेपी प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर हो रहा है मंथन। सरकार कर्मचारी हितैषी है। संवेदनशीलता से विचार हो रहा है। कर्मचारियों के मामले में कांग्रेस को कुछ कहने का ही हक नहीं है।

इधर कांग्रेस के महामंत्री केके मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार में अफसरशाही हावी है। अफसरशाही हावी होने के कारण ही संविदा कर्मचारियों की बनाई गई नीति लागू नहीं हो पा रही है। संविदा कर्मचारियों की लड़ाई कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक लड़ेगी। सरकार में बैठे लोग ही नहीं चाहते संविदा कर्मचारियों को लाभ मिले।

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