आलू उगाने पर भी किसानों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया गुजरात में हुआ है.

अहमदाबाद. आलू उगाने पर भी किसानों को अदालतों के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. ऐसा ही एक दिलचस्प वाकया गुजरात में हुआ है. गुजरात के 9 किसानों को एक खास किस्म का आलू एफएल-2027 उगाने के कारण अदालत का सामना करना पड़ रहा है. पेप्सी और लेज चिप्स जैसे उत्पाद बनाने वाली PepsiCo इंडिया ने गुजरात के 9 किसानों के खिलाफ आलू की खास किस्म उगाने और उनकी बिक्री करने के आरोप में कोर्ट में मामला दर्ज कराया है.

पेप्सिको का आरोप है कि ये किसान जिस आलू को उगा रहे हैं, उसे उगाने का अधिकार सिर्फ उसके पास है. इस आलू का प्रयोग लेज ब्रांड का चिप्स बनाने में किया जाता है. पेप्सिको के खिलाफ अब देश भर में किसानों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले समूहों और इंडिविजुअल्स ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. इस पत्र पर 192 लोगों के हस्ताक्षर हैं.

किसानों के खिलाफ केस वापस लेने की सिफारिश

192 लोगों ने हस्ताक्षर कर प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वैराइटीज एंड फार्मर्स राइट्स (PPV&FR) के रजिस्ट्रार और चेयरपर्सन को एक पत्र लिखा है. पीपीवीएंडएफआर केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत काम करता है. इसके अलावा पत्र में सरकार से एक नोटिफेकेशन जारी करने का भी अनुरोध किया गया है ताकि कोई भी निजी कंपनी बिना किसान और स्थानीय जिला कृषि कार्यालय की अनुमति के बिना उसके खेत में प्रवेश न कर सके.

26 अप्रैल तक आलू की बिक्री पर रोक

पेप्सिको इंडिया की याचिका पर अहमदाबाद सिटी सिविल कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में शबरकांठा के चार किसानों बिपिन पटेल, छबिल पटेल, विनोद पटेल और हरिभाई पटेल को 26 अप्रैल तक आलू की इस खास किस्म को उगाने और बिक्री करने से रोक दिया है. कोर्ट मे मामले की जांच कर रिपोर्ट तैयार कर एक वकील को भी कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया है.

अहमदाबाद कोर्ट में 26 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई होगी. इससे पहले 2018 में भी कंपनी ने अरावली जिले के पांच किसानों प्रभुदास पटेल, भारत पटेल, जीतू पटेल, विनोद पटेल और जिगरकुमार पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इस मामले की सुनवाई अभी तक अरावली जिला अदालत में चल रही है.

PepsiCo पर किसानों की निजता के हनन का आरोप

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अहमदाबाद के एक एनजीओ में कार्यरत विनय महाजन ने इसे किसानों की निजता और अधिकारों का उल्लंघन बताया. महाजन के मुताबिक कंपनी ने किसानों के खेतों की जासूसी की और उनके खेतों से आलू का सैंपल जुटाया. यह किसानों की निजता का हनन है.