स्वर्ण समाज के लोगों द्वारा एससी समाज के श्मशान घाट का रास्ता रोकने के दौरान एससी समाज के लोगों ने दीवार के ऊपर से अर्थी ले जा गया, जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. एससी समाज के लोगों ने स्वर्ण समाज पर जानबूझकर दीवार की चिनाई करके रास्ता रोकने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में दोनों पक्ष प्रशासन के पास पहुंचे और एक-दूसरे पर आरोप लगाए. बीडीपीओ ने एसडीएम के निर्देश पर मौका मुआयना कर रिपोर्ट सौंपी है. प्रशासन द्वारा मामले की जांच में पटाक्षेप हुआ कि श्मशान घाट में जाने के अन्य रास्ते भी हैं.

यह मामला हरियाणा के चरखी दादरी जिले के रानीला गांव का है. बता दें कि दो दिन पहले सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुई थी कि अनुसूचित जाति के लोग महिला की मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए एक दीवार के ऊपर से अर्थी ले जा रहे हैं. वायरल वीडियो में एससी समाज के लोगों ने आरोप लगाया है कि राजपूत समाज के लोगों द्वारा जानबूझकर श्मशान घाट का रास्ता रोका गया है. जिसके चलते उन्हें दीवार के उपर से अर्थी लेकर निकलना पड़ रहा है.

वहीं दूसरे पक्ष ने भी वीडियो वायरल कर आरोपों को निराधार बताते हुए प्रशासन से मामले में संज्ञान लेने व आपसी भाईचारा कायम करने की अपील की है. मामला वायरल होने के बाद दोनों पक्षों को प्रशासन द्वारा बुलाकर बात की गई. इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए हुए एसडीएम अनिल यादव को लिखित में मांग पत्र सौंपे. मांग पत्र में एससी समाज ने आरोप लगाया कि श्मशानघाट के बीच रास्ते में दीवार का निर्माण कर दिया गया.

राजपूत समाज के लोगों ने कहा कि मंदिर की चारदीवारी बनाई गई है और उसके साथ में श्मशानघाट में जाने का दूसरा रास्ता बनाया गया है. शिकायतकर्ता कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि राजपूत समाज ने जानबूझकर उनके श्मशानघाट को रोका है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच करने व दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. वहीं ग्रामीण पूर्व फौजी ओमबीर सिंह व कुलराज ने संयुक्त रूप से कहा कि मंदिर की चारदीवारी बनाई गई है. रास्ता किसी का नहीं रोका गया, बल्कि सभी समाज के लिए एक ही रास्ता बनाया गया है. कुछ लोग गांव का माहौल खराब कर रहे हैं.


जांच रिपोर्ट में ऐसा कोई मामला नहीं
एसडीएम अनिल यादव ने बताया कि गांव रानीला में एससी समाज के लोगों द्वारा श्मशान घाट में रास्ता नहीं होने व दीवार के उपर से ले अर्थी ले जाने के बारे शिकायत की गई है. एससी समाज द्वारा जारी वीडियो में दीवार के उपर से अर्थी ले जाई जा रही है. वहीं दूसरे पक्ष द्वारा वीडियो में दिखाया है कि श्मशानघाट में जाने के लिए अन्य रास्ता भी है. पूरे मामले की जांच बीडीपीओ से मौका निरीक्षण करते हुए मांगी गई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि श्मशानघाट जाने के अन्य रास्ते भी हैं. वहीं मंदिर के बाहर पंचायती जमीन पर दिवार बनाई गई है. वे जल्द ही मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों की शिकायत के आधार पर कार्रवाई करेंगे.

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