हेमकुंड गुरुद्वारा सिखों के 10वें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंहजी की तपस्थली है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा गुरुद्वारा भी है. इसके साथ ही चारों धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तारीखों का ऐलान किया जा चुका है. ऐसे में हेमकुंड साहिब की यात्रा की तैयारियां जोरों पर है. यात्रा की तैयारियों को लेकर हेमकुंड साहिब के यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का काम भारतीय सेना के 35 जवान और 15 सेवादार कर रहे हैं. सेना के जवानों और सेवादारों ने अरदास करा गुरुद्वारा प्रांगण के द्वार खोल दिए हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सिखों के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हेमकुंड गुरुद्वारे के कपाट 25 मई दिन शनिवार को खोले जाएंगे.

साल में सिर्फ 5 दिन ही खुलता है गुरुद्वारा

यह गुरुद्वारा साल में केवल 5 महीने ही दर्शन के लिए खुला रहता है, बाकी समय यहां पहुंचने के लिए रास्ता बर्फ से ढंका रहता है. गोविंद घाट तक पहुंचने के लिए श्रद्धालु सवारी लेते हैं लेकिन इसके आगे का रास्ता जो 3 किलोमीटर के करीब है वह पैदल ही पार करना होता है. इस रास्ते पर अभी भी बर्फ जमी हुई है, जिसे हर साल की तरह भारतीय सेना के जवान काटकर रास्ता बनाएंगे. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

इसका संबंध रामायण काल से है

हेमकुंड साहिब के बारे में धार्मिक मान्यता है कि इस स्थान का संबंध रामायण काल से है. यहां पर पहले मंदिर था, जिसका निर्माण भगवान राम के भाई लक्ष्मणजी ने करवाया था. यहां आकर गुरु गोबिंद सिंहजी ने 20 वर्षों तक कठोर तप किया था, जिसका उल्लेख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा रचित दसम ग्रंथ में हुआ है. गुरु से संबंधित स्थान होने के कारण बाद में इस स्थान को गुरुद्वारा घोषित कर दिया गया. गुरुद्वारे के पास ही लक्ष्मणजी का भी एक मंदिर है. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

सात पर्वतों से घिरी है यह जगह

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे का दृश्य अत्यंत मनोरम है. गुरुद्वारे के पास ही एक झील भी है, जिसमें हाथी पर्वत और सप्त ऋषि पर्वत से जल आता है. इस झील को हेम सरोवर कहते हैं. मान्यता है कि इस झील के पानी का सेवन और स्नान करने से सभी तरह के रोगों और पापों से मुक्ति मिलती है. यह जगह करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है और सात बड़े पर्वतों से घिरा हुआ है.