पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा. नक्सलियों द्वारा अपने ही पुराने साथी को मौत के घाट उतारने का मामला सामने आया है. नक्सली ने अपने जिस पुराने साथी की हत्या की है. वह पर्व में नक्सली था और आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुडने की कोशिश कर रहा था. इसकी हत्या तब की गई जब वह अपने परिवार से मिलने वापिस आपने गांव पहुंचा था.

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की सुरक्षा में हुई चूक

वही इस मामले में यह बात भी सामने आ रही है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई थी. जिसका खामियाजा इस आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को अपनी जान गवांकर उठाना पड़ा.

साल 2016 में किया था आत्मसमर्पण

मृतक का नाम हिंगा था. जो की फूलपाड़ डोमारपारा का रहने वाला था और उसने साल 2016 में आत्मसमर्पण किया था. उसके बाद से ही वह हिंसा को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गया था.

परिवार से मिलने पहुंचा था पूर्व नक्सली

हिंगा बीती रात अपने परिजनों से मिलने दन्तेवाड़ा से अपने गांव फूलपाड़ आया हुआ था. जिसकी भनक नक्सलियों को लग गई और फिर करीब 40 से 50 नक्सलियों ने हिंगा के घर पर धावा बोल दिया और एके47 से 4 गोली मारकर पूर्व नक्सली हिंगा की हत्या कर दी. इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल है.

एएसपी जीएन बघेल ने की घटना की पुष्टि

मामले की पुष्टी नक्सल आपरेशन दन्तेवाड़ा की कमान संभाल रहे एडिशनल एसपी जीएन बघेल ने करते हुए बताया कि मृतक पहले नक्सलियों का साथी था. लेकिन बाद में आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ गया. यह बात नक्सलियों को नगवार गुजरी और उन्होंने अपने ही पूर्व साथी को मौत के घाट उतार दिया. बघेल ने बताया कि घटना के बाद कुआकोंडा थाने से जवानों की पार्टी,पालनार से सीआरपीएफ सुरक्षाबल के जवान घटना स्थल की तरफ रवाना कर दिये गये साथ ही पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

सुरक्षा में चूक पर बोले एएसपी

वही जब बघेल ने इस आत्मसमपर्ण करने वाले नक्सली की सुरक्षा में हुई चूक के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि आत्मसमपर्ण करने के बाद हिंगा एसटीएफ के कंट्रोल में था और उसके बारे में ज्यादा जानकारी एसटीएस ही दे सकेगी.