परवेज आलम/वेस्ट चंपारण: प्रयागराज स्थित महाकुंभ स्नान के दौरान हुए भगदड़ में अपनी जान गवाने वाले रामेश्वर चौबे का परिवार आज बेहाल है. मौनी अमावस्या के दिन हुई घटना के 2 माह बीत जाने के बाद भी मृतक के आश्रितों को मुआवजे समेत पेंशन का इंतजार है. हालांकि सरकारी स्तर पर प्रशासन द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाकर अंतिम संस्कार की सहयोग राशि देकर परिजनों के हवाले जरूर कर दिया गया था, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मुआवजे की राशि समेत रामेश्वर चौबे की विधवा समेत शोकाकुल परिवार को पेंशन की राशि का अभी भी इंतजार है.
इलाज के दौरान हुई मौत
दरअसल, 29 जनवरी की मध्य रात्रि बिहार के पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत रामनगर तौलाहा निवासी रामेश्वर चौबे 25 लोगों के साथ महाकुंभ स्नान करने गए थे. उसी दौरान मची भगदड़ में वे गिरकर जख्मी हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. बताया जा रहा है की रामेश्वर चौबे PHED विभाग में फील्ड ऑफिसर के पद से रिटायर्ड हुए थे, जिन्हें पेंशन मिलती थी, लेकिन उनकी हादसे में मौत के बाद मुस्मात नीला देवी दर बदर भटक रहीं हैं और बच्चे मेहनत मजदूरी कर के घर परिवार के खर्च का बोझ उठा रहें हैं.
मदद की लगा रहा गुहार
लिहाजा लल्लूराम डॉट कॉम के जरिए परिजनों ने सरकार और प्रशासन से जल्द मुआवजे की राशि समेत विधवा नीला देवी को पेंशन दिलवाने की शुरुआत करने की मांग किया है, ताकि दर्जनभर सदस्यों वाले परिवार का भरण पोषण हो सकें. बता दें की उतर प्रदेश सरकार की ओर से 25 लाख रूपये मुआवजे का ऐलान किया गया है, जबकि बिहार सरकार द्वारा मृतक के आश्रितों को 2 लाख की सहायता राशि देने की बात कहीं गई है. वहीं, मृत रामेश्वर चौबे के पेंशन की राशि भी बंद होने से दिक्कत बढ़ गई हैं. लिहाजा गमजदा परिवार आज सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहा है और कागजात इकट्ठा करने में जुटा है.
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