रायपुर. छत्तीसगढ़ को भाजियों (पत्तेदार सब्जी) का गढ़ कहा जाता है. एक समय था जब प्रदेश में करीब 80 प्रजाति की भिन्न भाजी पाई जाती थी. इसमें से 36 प्रकार को आज भी लोग चाव से खाते हैं. बात करें लाल भाजी की, छत्तीसगढ़ में रहने वाले हर एक व्यक्ति ने इसका लाजबाव स्वाद एक बार जरूर चखा होगा. सर्दियों में मिलने वाली हर भाजी कुछ न कुछ खूबी समेटे हुए है. उनसे तुलना करें तो लाल भाजी में खूबियों की खान नजर आएगी. ये विटामिन ए, सी, के जैसे विटामिन से भरपूर है. साथ में फोलेट, राइबोफ्लेविन और कैल्शियम के गुण भी इसमें मौजूद हैं.

उत्तर से दक्षिण तक मिल जाएगी ये सब्जी
लाल भाजी की सब्जी आपके खाने के लिए एक पौष्टिक सब्जी है. इसे अक्सर लाल ऐमारेंथ के रूप में जाना जाता है, जो अत्यधिक पौष्टिक होने के साथ आयरन और विटामिन का बहुत अच्छा स्रोत भी है. लाल भाजी उत्तर में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तरप्रदेश में बहुत लोकप्रिय है और भारत के दक्षिणी भाग में कर्नाटक में भी पाई जाती है.

क्या है लाल भाजी?
इसका वैज्ञानिक नाम ऐमरेंथ डबियस है. पत्तों के रंग की वजह से इसका नाम लाल साग या रेड स्पिनेच पड़ा. इसके पत्ते पालक के पत्तों के जैसे ही होते हैं, लेकिन स्वाद में ये दोनों बेहद ही अलग हैं. दरअसल चौलाई लाल और हरे रंग दोनों में आती है. आमतौर पर हरे रंग वाली भाजी को चौलाई के नाम से जाना जाता है, जबकि लाल चौलाई, लाल भाजी या लाल साग के नाम से ही प्रचलित है. सर्दियों में मिलने वाली चौलई ही लाल भाजी कहलाती है. इसे कुछ स्थानों पर तंदुलीय, अमरंथ भी कहा जाता है. पालक से मिलती जुलती होने की वजह से इसे रेड स्पिनेच भी कहते हैं.

लाल भाजी के फायदे
1. लाल भाजी पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है. इसकी डंठल खाने की सलाह भी दी जाती है, जिसमें फाइबर्स अच्छी मात्रा में होते हैं. ये फाइबर्स डाइजेशन को बेहतर बनाते हैं.

2. लाल भाजी में आयरन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, जिससे अनेमिया के इलाज में भी यह काफी कारगर है.

3. विटामिन ए और सी के होने की वजह से लाल भाजी आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी असरदार साबित होता है.

4. डिसेंट्री होने पर भी आप लाल भाजी के सूप को पी सकते हैं. इस सूप को पीने से बाल भी जड़ों से मजबूत होते हैं.

5. सांप के काटने पर भी लाल भाजी के पेस्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है. कटने की जगह पर इस पेस्ट को लगाना चाहिए.

6. लाल भाजी में खून में इंसुलिन लेवल को कम करने वाले प्रोटीन मौजूद होते हैं, जो वजन कम करने में सहायक होते हैं.

7. लाल भाजी में जरूरी अमीनो एसिड्स के साथ ही आयरन, मैगनीशियम और फॉसफोरस पाए जाते हैं, जो कैंसर सेल्स से लडऩे में मदद करते हैं.

8. प्रेग्नेंसी के समय लाल साग खाने से आयरन की कमी नहीं होती, जिससे शिशु का दिमाग बेहतर तरीके से विकसित होता है.

9. किडनी संबंधित बीमारियां भी उस इंसान को जल्दी नहीं होती जो नियमित रूप से लाल भाजी का सेवन करते हैं.