रायपुर। आज देशभर में बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है. आज का दिन विद्यार्थियों के लिए बहुत शुभ होता है. आज विद्यार्थी मां सरस्वती की खास पूजा-अर्चना करते हैं. आज विद्यादायिनी मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को खास लाभ होता है.
बसंत पंचमी का त्योहार माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होता है. आज संगीत से जुड़े लोग भी माता सरस्वती की विशेष आराधना करते हैं. आज से बच्चों को विद्यारंभ भी कराया जाता है. माना जाता है कि बच्चे को आज से विद्यारंभ कराने से उन्हें मां सरस्वती की खास कृपा प्राप्त होती है.
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि अगर किसी की कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या फिर शिक्षा में बाधा आ रही है, तो इस दिन मां शारदा की आराधना जरूर करनी चाहिए.
पूजा का मुहूर्त
सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सरस्वती पूजा का मुहूर्त है, जो करीब 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. मां सरस्वती माता की आराधना करने से साहित्य, संगीत, वाणी, विवेक, बुद्धि, सृजन, कला, सुंदरता का आशीर्वाद मिलता है.
मां सरस्वती की पूजा के लिए मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु सद्बुद्धि रूपेण संस्थिता।।
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः।।
ऐसे करें मां सरस्वती को प्रसन्न
- इस दिन पीले या सफेद वस्त्र धारण करें
- इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें
- मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले या फिर सफेद पुष्प चढ़ाएं
- प्रसाद में मिश्री, दही और लावा चढ़ाएं
- मां सरस्वती के बीज मंत्र “ॐ ऐं नमः” या “ॐ सरस्वत्यै नमः” का जाप करें
सरस्वती पूजा का महत्व
वसंत पंचमी पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन महिलाएं पीले, नारंगी, सफेद और वासंती परिधान धारण करती हैं. वहीं ये त्योहार वसंत की पंचमी को मनाया जाता है. वसंत का सभी ऋतुओं का राजा माना जाता है. वसंत फूलों के खिलने और नई फसल के आने का त्योहार है. साथ ही वसंत में न तो ज्यादा ठंड होती और न तो ज्यादा गर्मी और न तो बारिश. चारों ओर हरियाली और विभिन्न प्रकार के फूलों का ये मौसम होता है. इस समय प्राकृतिक छटा बहुत मनोरम हो जाती है. सेहत के मद्देनज़र भी ये मौसम बहुत अच्छा होता है.
माना जाता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. आज लोग पवित्र नदियों में स्नान भी करते हैं. साथ ही कई जगहों पर मेले का भी आयोजन होता है.