नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली स्थित गाजीपुर लैंडफिल साइट पर सोमवार को लगी अचानक आग तीसरे दिन भी नहीं बुझ पाई है और दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिशों में जुटी हुई हैं. इसी बीच स्थानीय निवासियों के मुताबिक, कूड़े के ढेर से निकल रहे धुएं के कारण उन्हें घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां जाना पड़ रहा है. दरअसल आग लगने के कारण बहुत धुआं उठ रहा है, जिसके कारण लोगों को सांस लेने में बहुत समस्या हो रही है. बुजुर्ग और बच्चों को घर के अंदर भी रहने में परेशानी हो रही है. जिस कारण कई लोग अपने रिश्तेदारों के यहां निकल गए हैं और धीरे- धीरे वापस आ रहे हैं.

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धुएं के कारण लोगों का जीना हुआ मुहाल

स्थानीय निवासी रुखसाना ने बताया कि आग लगने के कारण हालत बेहद खराब हो चुकी है. घरों के अंदर धुआं जा रहा है. धुएं के कारण गला खराब हो गया, मास्क लगाकर रहना पड़ रहा है. शाम को जब मुझे किसी अन्य घर जाना हुआ, तो मुझे ऑक्सीजन तक लेनी पड़ी. हमारे जानकार और हम खुद अपने रिश्तेदारों के यहां जाने को मजबूर हुए. आग शुरुआत में कंट्रोल हो सकती थी, लेकिन कई देर तक आग न बुझाए जाने के कारण पूरे कूड़े के ढेर ने आग पकड़ ली. एक अन्य निवासी बिलकिश ने बताया कि किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां नहीं जाएंगे, तो क्या यहां रहकर मरेंगे ? मरने की स्थिति बन चुकी है. आग लगने के बाद इतना हाल खराब हुआ कि मेरे बेटे की आंखों से पानी निकलने लगा था. वहीं मेरी तो खुद आवाज तक नहीं निकल रही थी.

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कूड़े और हमेशा लगने वाली आग के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं

दरअसल लैंडफिल साइट की दूसरी ओर मुल्ला कॉलोनी, राजवीर कॉलोनी, घड़ोली विस्तार और कोड़ली कॉलोनी बसी हुई है. मुल्ला कॉलोनी में ही करीब एक लाख की आबादी रहती है. हर साल यहां के लोगों को इस कूड़े की ढेर से समस्याएं उठानी पड़ती है. यहां के बुजुर्गों में हर साल बीमारी बनी रहती है और किडनी, सांस की बीमारी से सबसे अधिक लोग ग्रसित हैं. मुल्ला कॉलोनी आरडब्ल्यूए की एक पदाधिकारी और आम आदमी पार्टी से जुड़ी मुन्नी खातून ने बताया कि कूड़े के ढेर से निकल रहे धुएं के कारण हम अपने रिश्तेदारों के यहां निकल गए थे और आज देर रात ही हम वापस लौटे हैं. इसके अलावा जिन लोगों को सांस की बीमारी है, वह लोग भी आज ही वापस आए हैं और कुछ लौट रहे हैं.

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आग पर सियासत जारी

हालांकि गाजीपुर लैंडफिल साइट पर लगी आग पर सियासत हो रह है. भाजपा और आम आदमी पार्टी लगातार इस मसले पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रही है. वहीं दिल्ली सरकार ने आग लगने की जांच के आदेश भी दिए हुए हैं और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय आज प्रेस वार्ता भी करेंगे. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद एमसीडी सुधरने को तैयार नहीं है. इस तरह की घटनाएं बार-बार ना हों, इसे देखते हुए डीपीसीसी को जांच के आदेश दिए गए हैं. 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. उस रिपोर्ट के आधार पर जो भी इस लापरवाही का दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.