रायपुर। दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ की जनता जनार्दन द्वारा दिए गए अभूतपूर्व जनादेश के साथ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के कुशल, दूरदर्शी एवं संवेदनशील नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन, पारदर्शिता और जनकल्याण के संकल्प से दो वर्ष सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। हमारी सरकार पूर्व की भांति संकल्प, समर्पण और संवेदनशीलता के साथ जनसेवा में निरंतर जुटी रहेगी और जनता की अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देती रहेगी।
उक्त उद्गार के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान आज वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 35,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, जो राज्य के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट है। इसमें 1,937 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय तथा 33,063 करोड़ रुपये राजस्व व्यय शामिल है। सदन में चर्चा उपरांत अनुपूरक बजट को सर्वसम्मति से पारित किया गया। इस अनुपूरक बजट को मिलाकर छत्तीसगढ़ सरकार का वर्ष 2025-26 का कुल बजट 2 लाख करोड़ रुपए का हो गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के संकल्प के अनुरूप राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ अंजोर 2047 विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह प्रथम अनुपूरक बजट उसी विजन को साकार करने की दिशा में एक मजबूत और निर्णायक कदम है, जो छत्तीसगढ़ को विकास, विश्वास और समृद्धि के पथ पर आगे ले जाएगा।


बजट पर सदन में विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के अनेक सदस्यों ने भाग लेकर अपने विचार रखे। चर्चा में अजय चंद्राकर, राघवेन्द्र सिंह, उमेश पटेल, धर्मजीत सिंह, रामकुमार यादव, भावना बोहरा, लता उसेंडी, धरमलाल कौशिक, संगीता सिन्हा, कुंवर निषाद, नीलकंठ टेकाम एवं द्वारिका यादव ने भाग लिया।
अनुपूरक बजट में कृषि विकास एवं किसान कल्याण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी गई है। कृषक उन्नति योजना के लिए अनुपूरक में 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। किसानों के पांच एचपी तक के पंपों के लिए मुफ्त बिजली बिल के लिए 1700 करोड़ रुपए तथा बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण योजना के लिए अनुपूरक बजट में 187 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री फसल बीमा के लिए 122 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के लिए 35 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है।
खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में पिछली सरकार द्वारा बकाया भुगतान के निपटान के लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना अंतर्गत 6800 करोड़ तथा मार्कफेड को धान खरीदी में हुई हानि के निपटान के लिए 12424 करोड़ इस प्रकार कुल 19,224 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महतारी वंदन योजना के लिए मुख्य बजट में 5,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त अनुपूरक बजट में 2,500 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। इस योजना से प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं।
राज्य के नक्सल प्रभावित जिलों के समन्वित विकास के लिए 452 करोड़ रुपये, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 117 करोड़ तथा फॉरेंसिक अधोसंरचना के लिए 22 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। ग्रामीण विकास के लिए एक हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त प्रावधान, औद्योगिक विकास के लिए 360 करोड़ के साथ ही नगरीय विकास, खेल, परिवहन, अग्निशमन सेवाएं तथा हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से जुड़े प्रावधानों को भी अनुपूरक बजट में शामिल किया गया है।
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