श्रीगंगानगर. शातिर ठग लोगों को ठगी का शिकार बनाने नए-नए तरीके अपना रहे हैं. ताजा मामला श्रीगंगानगर से आया है, जहां युवकों ने एक सॉफ्टवेयर बनाकर शेयर मार्केट में प्राफिट का झांसा देकर कर्नाटक और महाराष्ट्र के हजारों लोगों से 10 हजार करोड़ से अधिक की ठगी की है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गिरोह 2017 से सक्रिय है और एप से करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। इस मामले में अंबिका एन्क्लेव सेकंड निवासी लाजपत आर्य व उसके बेटे दीपक आर्य नायक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं गैंग के चार आरोपी फरार हैं। इनमें से एक लाजपत आर्य का बेटा अजय आर्य भी शामिल है।

आरोपियों के पास से 85 लाख की एक लग्जरी कार, 10 लाख नकद, 6 मोबाइल फोन और 3 सीपीयू जब्त किया गया है। पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने एक करोड़ की आलीशान कोठी बना रखी है। कर्नाटक निवासी कटप्पा बाबू चौहान के परिवाद पर सदर थाने में आरोपियों के खिलाफ 4.50 करोड़ रुपए की ठगी का मामला दर्ज किया गया है। जब सीओ सिटी ट्रेनी आईपीएस बी आदित्य ने मामले की जांच की तो यह स्कैम बहुत बड़ा निकला।

आरोपियों ने श्रीगंगानगर, जयपुर में प्रॉपर्टी खरीद रखी है। गिरफ्तार दीपक का भाई अजय आर्य, श्रीगंगानगर निवासी सौरभ चावला, उसकी पत्नी सलोनी चावला, पंजाब के अबोहर के गांव वरियामखेड़ा निवासी बलजीतसिंह, कालियां निवासी कर्मजीतसिंह आदि स्कैम के फर्स्ट लेयर आरोपियों के दुबई भागने की जानकारी सामने आई है।

‘कैपमोर एफएक्स’ नाम से बनाया एप

श्रीगंगानगर एसपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों ने कैपमोर एफएक्स नाम से सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन बना रखी थी। आरोपी लोगों को शेयर मार्केट में निवेश के तरीके सिखाते थे। इसके लिए कर्नाटक और महाराष्ट्र के शहरों में सेमीनार कर ग्राहकों को आकर्षित करते थे। 15 से 20 दिन की ट्रेनिग देते और इसके बदले 10 से 15 हजार रजिस्ट्रेशन फीस लेते। फिर एप पर निवेश करवाते थे।